Sunday, January 12, 2025
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सस्ता कर्ज और EMI में राहत अभी है दूर की कौड़ी, करना होगा इस समय तक का इंतजार

एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने का कहना है कि शुक्रवार को आई मोनेटरी पॉलिसी में यथास्थिति उम्मीद के मुताबिक ही है, और पिछली नीतियों की तुलना में आरबीआई कैश मैनेजमेंट पर कम आक्रामक दिखा है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Dec 08, 2023 22:17 IST, Updated : Dec 08, 2023 22:17 IST
केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने लगातार पांचवीं बार रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर बरकरार रखा।
Photo:FILE केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने लगातार पांचवीं बार रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर बरकरार रखा।

निकट भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की संभावना नहीं है। यानी सस्ते कर्ज और कम ईएमआई की फिलहाल गुंजाइश नहीं है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आरबीआई एमपीसी फिलहाल नीतिगत दर यानी रेपो रेट में कटौती नहीं करेगी और इसमें कटौती अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही से पहले संभव नहीं है। भाषा की खबर के मुताबिक, एक्सपर्ट्स ने शुक्रवार को पर्याप्त प्रणालीगत नकदी बनाए रखने के रिजर्व बैंक के कदम को नीति तटस्थता की ओर बढ़ने का संकेत बताया।

रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर बरकरार

केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने लगातार पांचवीं बार रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर बरकरार रखा। आरबीआई ने मुद्रास्फीति से लड़ने के संकल्प को रेखांकित करते हुए कहा कि अब दरों में ढील की कोई गुंजाइश नहीं है। एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने का कहना है कि शुक्रवार को आई मोनेटरी पॉलिसी में यथास्थिति उम्मीद के मुताबिक ही है, और पिछली नीतियों की तुलना में आरबीआई कैश मैनेजमेंट पर कम आक्रामक दिखा है। इसे तटस्थता की ओर बढ़ने के संकेत के रूप में देखा जा सकता है।

मुद्रास्फीति को लेकर केंद्रीय बैंक इतना आशावादी नहीं

बरुआ ने कहा कि नकदी का रुख भी महंगाई के पूर्वानुमान के मुताबिक लग रहा है। इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि आरबीआई ग्रोथ को लेकर ज्यादा उत्साहित है और इस साल के लिए इसे आधा प्रतिशत बढ़ाकर सात फीसदी कर दिया गया है, लेकिन मुद्रास्फीति को लेकर केंद्रीय बैंक इतना आशावादी नहीं है। उन्होंने कहा कि आरबीआई को लगता है कि बार-बार आने वाले खाद्य कीमतों के झटकों और भू-राजनीतिक जोखिमों के चलते मुद्रास्फीति की गति में अभी भी काफी अनिश्चितता बनी हुई है।

जोखिमों का प्रबंधन करने के लिए सख्ती की गुंजाइश

इसी तरह, क्रिसिल रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी के मुताबिक, रेपो रेट को भले ही अपरिवर्तित छोड़ दिया गया है, लेकिन जोखिमों का प्रबंधन करने के लिए वास्तव में इसमें सख्ती हो सकती है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस के मुताबिक जीडीपी पूर्वानुमान में सात प्रतिशत का संशोधन महत्वपूर्ण है, क्योंकि बाजार से ग्रामीण मांग के मोर्चे पर विपरीत संकेत मिल रहे थे।

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