Highlights
- मुद्रास्फीति बढ़कर 5.7 प्रतिशत पर पहुंच सकती है
- 4.5 प्रतिशत के स्तर पर रहने का अनुमान था इससे पहले
- खुदरा महंगाई 6.5 फीसदी पर पहुंच जाने का अंदेशा
नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस से लेकर खाने-पीने के समान की आसमान छूती कीमतों ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। बढ़ी महंगाई से चारों ओर त्राहिमाम मचा है। महंगाई के इस दौर में 10 से 20 हजार मंथली इनकम वाले को एक-एक दिन निकालना मुश्किल हो रहा है। इस बीच आज रिजर्व बैंक की मानिटीरी पॉलिसी में की गई घोषणा ने चिंता और बढ़ा दी है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक पॉलिसी की घोषणा करते हुए कहा है कि चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति बढ़कर 5.7 प्रतिशत पर पहुंच सकती है। पहले इसके 4.5 प्रतिशत के स्तर पर रहने का अनुमान था। यानी जिद्दी महंगाई अभी और सताएगी। ऐसे में अगर आप सोच रहे हैं कि जिद्दी महंगाई से आपको जल्द राहत मिल सकती है तो ऐसा नहीं है। आने वाले दिनों में महंगाई और बढ़ सकती है।
खुदरा महंगाई बढ़ने का अनुमान
अर्थशास्त्रियों ने महंगाई दर और बढ़ने की आशंका जताई है। उनका कहना है कि 15 अप्रैल को खुदरा महंगाई के डेटा आने पर महंगाई दर के बढ़कर 6.5 फीसदी पर पहुंच जाने का अंदेशा है। यह लगातार तीसरा महीना होगा, जब इनफ्लेशन RBI के टारगेट से ज्यादा होगा। आरबीआई ने इनफ्लेशन के लिए 2 से 6 फीसदी की रेंज तय की है।
लोन की ईएमआई भी नहीं होगी कम
मौद्रिक समीक्षा बैठक में प्रमुख नीतिगत दर रेपो में लगातार 11 वीं बार कोई बदलाव नहीं करते हुए इसे चार प्रतिशत के निचले स्तर पर कायम रखा है। नीतिगत दर यथावत रहने का मतलब है कि बैंक कर्ज की मासिक किस्त में कोई बदलाव नहीं होगा। यानी आपके होम, कार समेत दूसरे लोन की ईएमआई कम नहीं होगी। वहीं, मुद्रास्फीति को काबू में रखने के साथ आर्थिक वृद्धि को बरकरार रखने के लिए केंद्रीय बैंक अपने नरम रुख में थोड़ा बदलाव करेगा। इससे बाजार में तरलता कम होगी। इससे आने वाले समय में आपके लोन की ईएमआई बढ़ भी सकती है।