भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन तक चलने वाली बैठक बुधवार को शुरू हो चुकी है। आरबीआई इस मौद्रिक पॉलिसी का ऐलान बुधवार यानी कल सुबह करेगा। इस पॉलिसी को लेकर बहुत सारे लोग उम्मीद हैं कि महंगाई के मोर्चे पर राहत मिलने के बाद आरबीआई रेपो रेट में कटौती का फैसला ले सकता है। इससे उनको होम और कार लोन समेत दूसरे लोन की ईएमआई में राहत मिलेगी। क्या ऐसा हो सकता है? बैंकिंग और वित्तीय एक्सपर्ट का मानना है कि एमपीसी इस बार भी नीतिगत दर रेपो को यथावत रख सकती है। इसका प्रमुख कारण चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर का उम्मीद से अधिक होना और मुद्रास्फीति में नरमी है। आरबीआई ने पिछली चार मौद्रिक नीति समीक्षाओं में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया। अंतिम बार फरवरी में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया गया था। यानी होम और कार लोन की बढ़ी ईएमआई से अभी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
वहीं, कुछ जानकारों का कहना है कि आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास कई बार चौंकाने वाले फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में यह भी संभव है कि अर्थव्यवस्था की रफ्तार और तेज करने के लिए रेपो रेट में कटौती का ऐलान हो जाए। हालांकि, इसकी संभावना बहुत ही कम है। अगर ऐसा होता है तो लाखों होम और कार लोन लेने वाले को बड़ी राहत मिल सकती है।
आठ दिसंबर को निर्णय की घोषणा
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास छह सदस्यीय एमपीसी के निर्णय की घोषणा आठ दिसंबर को करेंगे। एमपीसी से अपेक्षा के बारे में इक्रा की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में जीडीपी आंकड़ा मौद्रिक नीति समिति के पिछले अनुमान से अधिक रहा है। हालांकि, खाद्य मुद्रास्फीति से संबद्ध विभिन्न पहलुओं को लेकर चिंता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इन सबको देखते हुए हमारा अनुमान है कि एमपीसी दिसंबर, 2023 की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को यथावत रख सकती है। हालांकि, मौद्रिक नीति का रुख आक्रामक हो सकता है। एसकेए ग्रुप के निदेशक संजय शर्मा ने कहा कि कुछ समय से आरबीआई लगातार नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखे हुए है। यह आर्थिक परिदृश्य को लेकर आरबीआई के भरोसे को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति में नरमी को देखते हुए इस बार भी उम्मीद है कि आरबीआई रेपो दर को स्थिर रखेगा, इससे संभावित घर खरीदारों को लाभ होगा।