Highlights
- कदी प्रबंधन उपायों के मद्देनजर रिवर्स रेपो दर में 0.20-0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकता है RBI
- आरबीआई ने मई 2020 के बाद रेपो रेट और रिवर्स रेपो में बदला नहीं किया है
- रिजर्व बैंक के पास वृद्धि समर्थक मौद्रिक नीति को बनाए रखने के लिए गुंजाइश है
मुंबई। ब्रिटेन की एक ब्रोकरेज फर्म ने गुरुवार को कहा कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) अतिरिक्त नकदी को सोखने के लिए रिवर्स रेपो दर में 0. 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर सकती है, हालांकि रेपो दर, जिस पर केंद्रीय बैंक उधार देता है, में यथास्थिति बनी रह सकती है। बार्कलेज के विश्लेषकों ने अगले सप्ताह होने वाली एमपीसी की बैठक से पहले कहा, ओमीक्रोन स्वरूप के प्रकोप और अपेक्षाकृत अनुकूल मुद्रास्फीति के बीच रिजर्व बैंक के पास वृद्धि समर्थक मौद्रिक नीति को बनाए रखने के लिए गुंजाइश है।
बार्कलेज ने रिपोर्ट में कहा कि केंद्रीय बैंक अपने नकदी प्रबंधन उपायों के मद्देनजर रिवर्स रेपो दर में 0.20-0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकता है। इसके अलावा भी कई विश्लेषकों ने रिवर्स रेपो रेट में बढ़ोतरी का अनुमान जताया है। उनका कहना है कि सरकारी उधारी में आश्चर्यजनक बढ़ोतरी के कारण रिजर्व बैंक नीति सामान्यीकरण की ओर बढ़ सकता है।
मई 2020 के बाद से बदलाव नहीं
आरबीआई ने मई 2020 के बाद रेपो रेट और रिवर्स रेपो में बदला नहीं किया है। आरबीआई ने कोरोना संकट को देखते हुए रेपो रेट में बड़ी कटौती किया था। उसके बाद आसान कर्ज की उपलब्धता बनाए रखने के लिए आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है लेकिन अब ऐसा लगा रहा है कि सुधरते हालात और महंगाई को देखते हुए आरबीआई दरों में बदलाव करने की तैयारी कर रहा है।