Highlights
- आरबीआई ने 8 सहकारी बैंकों पर नियामकीय अनुपालन में कमियों के लिए जुर्माना लगाया
- आरबीआई ने कहा कि जुर्माना नियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है
- यह बैंकों द्वाराकिसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल नहीं खड़ा करता
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आठ सहकारी बैंकों पर नियामकीय अनुपालन में कमियों के लिए जुर्माना लगाया गया है। केंद्रीय बैंक ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि एसोसिएट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरत (गुजरात) पर ‘निदेशकों, रिश्तेदारों एवं फर्मों/संस्थाओं, जिनमें वे रुचि रखते हैं, को ऋण और अग्रिम’ और ‘अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी)’ पर मास्टर निर्देशों का अनुपालन नहीं करने के लिए चार लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
आरबीआई ने कहा कि जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष योजना, 2014 के कुछ मानदंडों के उल्लंघन के लिए वराछा सहकारी बैंक लिमिटेड, सूरत पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। मोगवीरा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई पर केवाईसी मानदंडों से संबंधित कुछ निर्देशों का पालन न करने के लिए दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वसई जनता सहकारी बैंक, पालघर पर भी दो लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया गया है।
इसके अलावा, आरबीआई ने राजकोट पीपल्स को-ऑपरेटिव बैंक, राजकोट पर ‘निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं, जिनमें वे रुचि रखते हैं, को ऋण और अग्रिम’ के निर्देशों के उल्लंघन के लिए एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। भद्राद्री को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक पर आरबीआई पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कुछ मानदंडों के उल्लंघन के लिए जम्मू सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जम्मू और जोधपुर नागरिक सहकारी बैंक, जोधपुर पर प्रत्येक पर एक लाख का जुर्माना लगाया गया है।
हालांकि, आरबीआई ने कहा कि जुर्माना नियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और यह बैंकों द्वारा अपने संबंधित ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल नहीं खड़ा करता है।