RBI Imposed Fine: RBI हमेशा बैंकों पर नजर बनाकर रखता है। अगर कोई भी बैंक चाहें वह सरकारी हो या प्राइवेट किसी भी तरह के नियम का उल्लंघन करते हैं तो उनके ऊपर कार्रवाई करता है। इसबार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विभिन्न मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए चार सहकारी बैंकों पर 44 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इनमें चेन्नई स्थित तमिलनाडु स्टेट एपेक्स को-ऑपरेटिव बैंक पर 16 लाख रुपये जुर्माना लगा है। आरबीआई ने सोमवार को जारी विज्ञप्ति में कहा कि बॉम्बे मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक पर 13 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, क्योंकि यह निर्धारित अवधि के भीतर जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष (डीईएएफ) में पात्र राशि को स्थानांतरित करने में विफल रहा और उसे देरी से स्थानांतरित किया गया। बैंक ने एक अन्य विज्ञप्ति में कहा कि पुणे स्थित जनता सहकारी बैंक पर ‘जमा ब्याज दर’ के निर्देशों का पालन नहीं करने पर 13 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
इन बैंकों पर भी लगा जुर्माना
तमिलनाडु स्टेट एपेक्स को-ऑपरेटिव बैंक पर जुर्माना लगाया गया है, क्योंकि यह निर्धारित अवधि के भीतर पात्र राशि को जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष में स्थानांतरित करने में विफल रहा। यह निर्धारित समयसीमा के भीतर धोखाधड़ी की सूचना नाबार्ड को देने में भी विफल रहा और देरी से इसकी सूचना दी। कुछ मानदंडों के उल्लंघन के लिए राजस्थान के बारां स्थित बारां नागरिक सहकारी बैंक पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बता दें कि पिछले महीने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आरबीएल बैंक लि. पर 2.27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। रिजर्व बैंक ने इस जुर्माने के पीछे कर्ज वसूली एजेंट से संबंधित नियमों का अनुपालन नहीं करना प्रमुख कारण बताया है। बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किये गये किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता से इसका कोई संबंध नहीं है।
आरबीआई ने बताया कि जुर्माना आंतरिक ओम्बुड्समैन योजना, 2018, बैंकों के लिये निष्पक्ष गतिविधियां संहिता, बैंकों के क्रेडिट कार्ड परिचालन, जोखिम प्रबंधन और वित्तीय सेवा की आउटसोर्सिंग और वसूली एजेंट से संबंधित आचार संहिता के कुछ प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने से जुड़ा है। हालाँकि, आरबीआई ने कहा कि जुर्माना वित्त वर्ष 2018-19 से 2021-22 की अवधि से संबंधित नियामकीय अनुपालन में कमियों को लेकर है।