Highlights
- RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो में 40-बेसिस पॉइंट की वृद्धि की घोषणा कर दी
- अब यह दर 4.4 फीसदी हो गई है। वहीं सीआरआर में .50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है
- RBI गवर्नर की घोषणा के साथ ही सेंसेक्स में तेज गिरावट देखी जा रही है
RBI Hike Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो में 40-बेसिस पॉइंट की वृद्धि की घोषणा कर दी है। अब यह दर 4.4 फीसदी हो गई है। वहीं सीआरआर में .50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। अब यह 4.5% हो गया है। इससे पहले आरबीआई ने आखिरी बार 22 मई 2020 को प्रमुख ब्याज दरों में बदलाव किया था। RBI गवर्नर की घोषणा के साथ ही सेंसेक्स में तेज गिरावट देखी जा रही है। फैसला आते ही सेंसेक्स में 1100 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। बता दें कि आरबीआई का यह आश्चर्यजनक कदम यूएस फेडरल रिजर्व से अपेक्षित दर वृद्धि से पहले आया। बता दें कि यूएस फेडरल रिजर्व रिकॉर्ड मुद्रास्फीति को काबू करने के लिए प्रमुख ब्याज दर में 50 आधार अंक की बढ़ोतरी कर सकता है।
बता दें कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने 2 मई और 4 मई को एक ऑफ-साइकिल बैठक की। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज बताया कि केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर में 40 बीपीएस बढ़ाने के लिए मतदान किया है। इसके जरिए रिजर्व बैंक की कोशिश खुदरा मुद्रास्फीति की दर में कमी लाने की है। आरबीआई गवर्नर ने महंगाई को काबू करने पर फोकस की बात कही है। उनका बयान ऐसे समय आया है जब वैश्विक मुद्रास्फीति भारत की रिकवरी के लिए एक चुनौती पेश कर रही है।
इससे पहले आरबीआई ने अप्रैल में हुई मौद्रिक समीक्षा बैठक में लगातार 11वीं बार प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। हालांकि तब आरबीआई ने महंगाई के चिंताजनक स्तर को देखते हुए ब्याज दरों में जल्द वृद्धि की बात कही थी।
सभी तरह के लोन की EMI बढ़ेगी
आरबीआई ने रेपो रेट में लंबे समय के बाद बढ़ोतरी कर दी है। इस बढ़ोतरी के बाद होम, कार समेत दूसरे सभी लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी। यानी आपको अधिक ईएमआई चुकानी होगी। हालांकि, इसके साथ ही जमा पर बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी भी करेंगे। यानी जमा पर अधिक रिटर्न मिलेगा। इससे महंगाई को काबू करने में मदद मिलेगी।
रिजर्व बैंक ने बताया क्यों बढ़ी महंगाई
आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी की बैठक के बाद कहा कि मार्च 2022 में खुदरा महंगाई की दर में जोरदार बढ़ोत्तरी हुई और यह बढ़ते बढ़ते 7 फीसदी पर पहुंच गई। खासकर खाने-पीने की चीजों की महंगाई के कारण खुदरा महंगाई तेजी से बढ़ी है। इसके अलावा रूस यूक्रेन युद्ध के कारण भी महंगाई बढ़ी है। इस तनाव से ग्लोबल सप्लाई चेन पर भी बुरा असर पड़ा है। गवर्नर दास इसी जिओपॉलिटिकल टेंशन की बात कर रहे थे।
सुस्त पड़ने लगी है रफ्तार
गवर्नर दास ने बताया कि ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला मध्यम अवधि में इकोनॉमिक ग्रोथ के प्रोस्पेक्ट को मजबूत बनाने के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमिक रिकवरी अब मोमेंटम खोने लगा है। रिजर्व बैंक एमपीसी ने रेपो रेट बढ़ाने के अलावा एकमोडेटिव मॉनीटरी पॉलिसी स्टान्स बरकरार रखने का भी फैसला किया।