भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को चेतावनी देते हुए कहा है कि अपने कारोबार को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए गलत तरीके न अपनाएं। ऐसा करने वाले जो भी एनबीएफसी दोषी पाए जाएंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की बैठक के फैसलों की घोषणा करते हुए गवर्नर ने कड़े शब्दों में ऐसी एनबीएफसी से ईमानदार, निष्पक्ष रहने और टिकाऊ व्यवहार का पालन करने को कहा।
ग्राहकों की शिकायतों पर ईमानदारी से गौर करें
खबर के मुताबिक, दास ने साफ शब्दों में कहा कि एमएफआई (सूक्ष्म वित्त संस्थान) और एचएफसी (आवास वित्त कंपनियां) सहित एनबीएफसी स्थायी व्यावसायिक लक्ष्यों का पालन करें। साथ ही कहा कि अनुपालन सर्वप्रथम संस्कृति अपनाएं, एक मजबूत जोखिम प्रबंधन ढांचा अपनाएं, निष्पक्ष व्यवहार संहिता का कड़ाई से पालन करें और ग्राहकों की शिकायतों पर ईमानदारी से गौर करें। उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक इन क्षेत्रों पर करीबी नजर रख रहा है और जरूरत पड़ने पर उचित कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगा।
एनबीएफसी खुद में सुधार करें
गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक चाहता है कि एनबीएफसी खुद में सुधार करें। उन्होंने कहा कि एनबीएफसी क्षेत्र ने पिछले कुछ सालों में प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की है और ऐसे ऋणदाताओं ने वित्तीय समावेश के नीतिगत उद्देश्य में मदद की है। हालांकि, उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ एनबीएफसी टिकाऊ व्यावसायिक व्यवहार और जोखिम प्रबंधन ढांचे का निर्माण किए बिना आक्रामक रूप से वृद्धि की राह पर आगे बढ़ रही हैं। गवर्नर ने कहा कि किसी भी कीमत पर वृद्धि का अविवेकपूर्ण दृष्टिकोण उनके खुद के लिए प्रतिकूल होगा।
समीक्षा करने को भी कहा
दास ने संस्थाओं से अपने कर्मचारियों के लिए पारिश्रमिक प्रथाओं, परिवर्तनीय वेतन और प्रोत्साहन संरचनाओं की समीक्षा करने को भी कहा, क्योंकि उनका मानना है कि इनमें से कुछ विशुद्ध रूप से लक्ष्य-आधारित प्रतीत होते हैं। इनके परिणामस्वरूप प्रतिकूल कार्य संस्कृति और खराब ग्राहक सेवा की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। दास ने बैंकों और एनबीएफसी से कहा कि वे इन क्षेत्रों में अपने पर्सनल लोन के आकार और गुणवत्ता दोनों के संदर्भ में सावधानीपूर्वक आकलन करें और कर्ज की कड़ी निगरानी करें।