Sunday, October 06, 2024
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असुरक्षित कर्ज पर एक्शन नहीं लिया गया तो खड़ी हो सकती है बड़ी समस्या, RBI गवर्नर ने जानें और क्या कहा

क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में वृद्धि आरबीआई की कार्रवाई से पहले के 30 प्रतिशत से घटकर अब 23 प्रतिशत हो गई है, जबकि एनबीएफसी को बैंक ऋण देने की वृद्धि पहले के 29 प्रतिशत से घटकर अब 18 प्रतिशत हो गई है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: June 20, 2024 13:40 IST
मुंबई में गुरुवार को एक कार्यक्रम में आगन्तुकों को संबोधित करते आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास। - India TV Paisa
Photo:RBI मुंबई में गुरुवार को एक कार्यक्रम में आगन्तुकों को संबोधित करते आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकान्त दास ने गुरुवार को कहा कि असुरक्षित कर्ज या अनसिक्योर्ड लोन पर कार्रवाई नहीं करने से बड़ी समस्या पैदा हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियों पर आरबीआई की कार्रवाई से असुरक्षित कर्ज में बढ़ोतरी धीमी होने का वांछित असर पड़ा है। भाषा की खबर के मुताबिक, यहां आरबीआई के कॉलेज ऑफ सुपरवाइजर्स में वित्तीय मजबूती पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए दास ने कहा कि असुरक्षित ऋण पर प्रतिबंध इस दृष्टिकोण का परिणाम है कि असुरक्षित कर्ज में वृद्धि के कारण इस बाजार में संभावित समस्या हो सकती है।

असुरक्षित ऋण को बढ़ावा देने के लिए अंधी दौड़

खबर के मुताबिक, दास ने कहा कि कुल मिलाकर मुख्य मानदंड अच्छे दिख रहे हैं, लेकिन मानकों में ढील, उचित मूल्यांकन का अभाव और कुछ ऋणदाताओं के बीच असुरक्षित ऋण को बढ़ावा देने के लिए अंधी दौड़ में शामिल होने की मानसिकता के ‘स्पष्ट सबूत’ हैं। दास ने कहा, हमने सोचा कि अगर इन कमज़ोरियों पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये एक बड़ी समस्या बन सकती हैं। इसलिए, हमने सोचा कि पहले से ही कार्रवाई करना और ऋण वृद्धि को धीमा करना बेहतर है। उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि आरबीआई की कार्रवाई का वांछित प्रभाव पड़ा है, क्योंकि असुरक्षित ऋण में वृद्धि वास्तव में धीमी हो गई है।

आरबीआई की कार्रवाई का असर

दास ने कहा कि क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में वृद्धि आरबीआई की कार्रवाई से पहले के 30 प्रतिशत से घटकर अब 23 प्रतिशत हो गई है, जबकि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को बैंक ऋण देने की वृद्धि पहले के 29 प्रतिशत से घटकर अब 18 प्रतिशत हो गई है। पिछले वर्ष 16 नवंबर को आरबीआई ने गैर-जमानती ऋण और एनबीएफसी को दिए जाने वाले ऋण पर जोखिम भार बढ़ा दिया था, जिससे बैंकों को ऐसी परिसंपत्तियों पर अधिक मात्रा में पूंजी रखनी होगी।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारत का घरेलू वित्तीय तंत्र अब कोविड संकट के दौर में प्रवेश करने से पहले की तुलना में कहीं अधिक मजबूत स्थिति में है। भारतीय वित्तीय तंत्र अब बहुत मजबूत स्थिति में है, जिसकी विशेषता मजबूत पूंजी पर्याप्तता, गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) का निम्न स्तर और बैंकों व गैर-बैंकिं

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