भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल आगामी 10 दिसंबर को पूरा होने जा रहा है। शुक्रवार को उनसे जब फ्यूचर को लेकर सवाल किया गया यानी क्या वह गवर्नर के तौर पर अगले कार्यकाल में भी अपनी भूमिका निभाना चाहेंगे। इस बारे में पूछे गए सवाल को दास ने समझदारी से टाल दिया। पीटीआई की खबर के मुताबिक, दास ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों के इस सवाल पर कहा कि मैं आपको कोई हेडलाइन नहीं दे रहा हूं और मुझे लगता है कि बेहतर होगा कि हम मौद्रिक नीति पर ही टिके रहें।
2021 में कार्यकाल बढ़ाने की हुई थी घोषणा
खबर के मुताबिक, दास इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या उन्हें सरकार से इस बारे में कोई जानकारी मिली है कि क्या वह इस कार्यकाल के बाद भी पद पर बने रहेंगे। सरकार ने 2021 में दास के कार्यकाल को बढ़ाने की घोषणा की थी, जो उनके कार्यकाल के खत्म होने से एक महीने पहले की बात है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की एक समिति RBI के अगले गवर्नर की नियुक्ति पर फैसला करेगी। दास को दिया गया यह दूसरा तीन साल का विस्तार है और वह RBI के 90 साल के इतिहास में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले गवर्नरों में से एक हैं।
कठिन समय में पदभार संभाला था
जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि में 5.4 प्रतिशत की मंदी को दूर करने के लिए बढ़ती मांगों के बीच आरबीआई ने शुक्रवार को लगातार 11वीं बार दरों पर पहले के स्तर को बनाए रखना ही चुना है। शुक्रवार को दास ने स्पष्ट किया कि आरबीआई केंद्रीय बैंक को क़ानून द्वारा दी गई लचीलेपन के मुताबिक काम कर रहा है, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि उसका प्रयास मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखना है। दास ने आरबीआई के लिए बहुत ही कठिन समय में पदभार संभाला था, उन्होंने उर्जित पटेल का स्थान लिया था जिन्होंने अपने कार्यकाल के आखिर से पहले पद छोड़ने का फैसला किया था।
पिछले छह सालों में दास ने कोविड-19 और यूक्रेन और मध्य पूर्व में युद्धों सहित कई चुनौतियों का सामना किया है। दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था में उनके कुशल संचालन के लिए उन्हें वैश्विक मंचों पर लगातार दो बार सेंट्रल बैंकर ऑफ द ईयर के रूप में सम्मानित किया गया है।