Highlights
- चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में महंगाई धीरे धीरे कम होने लगेगी
- रिवर्ज बैंक महंगाई पर काबू पाने के लिए मौद्रिक उपाय जारी रखेगा
- देश में महंगाई की दर RBI की तय सीमा के ऊपर बनी हुई है
कमरतोड़ महंगाई की मार झेल रही भारत की जनता को रिजर्व बैंक की ओर से ताजा आश्वासन मिल गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने बता दिया है कि आम लोगों को महंगाई से राहत कब मिलेगी। शक्तिकांत दास ने भरोसा जताया कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में महंगाई धीरे धीरे कम होने लगेगी। रिवर्ज बैंक महंगाई पर काबू पाने के लिए मौद्रिक उपाय जारी रखेगा, जिससे भारत महंगाई पर काबू पाने के साथ मजबूत ग्रोथ भी हासिल कर सके।
2022 की शुरुआत से ही महंगाई आम आदमी के जीवन को मुश्किल बना रही है। वहीं यूक्रेन युद्ध ने रही बची कसर भी पूरी कर दी है। देश में महंगाई की दर इस साल की शुरुआत से ही आरबीआई की तय सीमा के ऊपर बनी हुई है। इसे रोकने के लिए आरबीआई दो किस्तों में रेपो रेट में 90 बेसिस अंक का इजाफा कर चुका है।
कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में शक्तिकांत दास कहा कि महंगाई देश के आर्थिक संस्थानों में जनता के विश्वास का एक मापक है। गवर्नर ने कहा, ‘कुल मिलाकर, इस समय सप्लाई पक्ष ठीक ठाक दिखाई दे रहा है और कई हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स 2022-23 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में रिकवरी की ओर इशारा कर रहे हैं। ऐसे में हमारा वर्तमान आकलन है कि 2022-23 की दूसरी छमाही में महंगाई धीरे-धीरे कम हो सकती है।’
मंहगाई पर नियंत्रण जरूरी
दास ने कहा, ‘हालांकि, हमारे नियंत्रण से परे कारक अल्पावधि में मुद्रास्फीति को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन मध्यम अवधि में इसकी चाल मौद्रिक नीति द्वारा निर्धारित होगी। इसलिए, मौद्रिक नीति को मुद्रास्फीति को स्थिर करने के लिए समय पर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि अर्थव्यवस्था को मजबूत स्थिति में और सतत वृद्धि की राह पर कायम रखा जा सके।’
बढ़ाया महंगाई का अनुमान
दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने अपनी अप्रैल और जून की बैठकों में 2022-23 के लिए मंहगाई के अनुमान को संशोधित कर 6.7 प्रतिशत कर दिया। खुदरा महंगाई दर मई में 7.04% रही, जो अप्रैल में 7.79% पर पहुंच गई थी।