महंगाई आपके घर के सभी खिड़की दरवाजे खटखटा रही है। खाने पीने से लेकर हर जरूरत के सामान की कीमतें आसमान छू रही हैं। सरकार भी पूरी तरह से एक्शन में है। पेट्रोल डीजल में एक्साइज कटौती से लेकर गेहूं चीनी का आयात रोक चुकी है। फिर भी यूक्रेन रूस युद्ध से लेकर कोरोना में सप्लाई चेन बिगड़ने और मौसम की मार महंगाई रोकने की हर कोशिश को बौना साबित कर रही है।
महंगाई को रोकने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) भी पिछले महीने ही रेपो रेट में 40 बेसिस पॉइंट की वृद्धि कर ब्रह्मास्त्र चला चुका है। लेकिन महंगाई रोकने के रिजर्व बैंक के कदम आम आदमी पर भारी पड़ते हैं जिसकी होम लोन की किस्तें बढ़ जाती हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर पिछले महीने ही ताबड़तोड़ ब्याज दरें बढ़ाने की ओर इशारा कर चुके हैं।
अगले हफ्ते लगेगा झटका!
अगले हफ्ते सोमवार को आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक होने जा रही है। जिसके बाद पूरी संभावना है कि 8 जून को आरबीआई गवर्नर एक बार फिर ब्याज दरें बढ़ाने की घोषणा कर दें। हाल ही में रॉयटर ने अर्थशास्त्रियों का एक सर्वे कराया जिसमें 2022 में अनुमान से भी ज्यादा तेजी से रेपो रेट में वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया गया है। इसकी सबसे बड़ी वजह बेतहाशा बढ़ती महंगाई है जो अप्रैल में 7.79 फीसदी पहुंच गई है।
ताबड़तोड़ हमलों के लिए हो जाएं तैयार
आर्थिक मामलों के जानकारों के अनुसार आने वाली 3 से 4 एमपीसी की बैठकों में रिजर्व बैंक ताबड़तोड़ वृद्धि कर सकता है। माना जा रहा है कि अगले साल मार्च तक रेपो रेट में 1 फीसदी की वृद्धि हो सकती है। माना जा रहा है कि 8 जून को रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी और की जा सकती है।
गवर्नर ने दिए संकेत
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने पिछले महीने एक इंटरव्यू में मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में एक और वृद्धि का संकेत दिया है। खुदरा महंगाई (Retail Inflation) दर पिछले चार महीने से केंद्रीय बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। दास ने कहा, ‘नीतिगत दर में वृद्धि की संभावना है, इसमें बहुत कुछ सोचने वाली बात नहीं है। लेकिन यह वृद्धि कितनी होगी, मैं इस बारे में कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हूं। यह कहना कि यह बढ़कर 5.15 फीसद हो जाएगी, संभवत: बहुत सही नहीं है।’