प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की 90वां स्थापना दिवस के मौके पर मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि आरबीआई एक संस्थान के रूप में आजादी से पहले और आजादी के बाद के कालखंड का गवाह बना है। आज रिजर्व बैंक की साख पूरी दुनिया में बढ़ी है। पीएम ने आरबीआई से जुड़े लोगों से कहा कि आप जो आज नीतियां बनाएंगे वह आने वाले दशकों के लिए अहम होगा। पीएम ने कहा कि जब मैं आरबीआई की 80वें स्थापना दिवस पर आया था तब बैंकिंग सेक्टर की हालत काफी खराब थी। एनपीए की स्थिति काफी खराब थी। हमने वहां से शुरुआत की। आज आरबीआई को दुनिया में एक मजबूत सिस्टम माना जा रहा है।
पब्लिक सेक्टर बैंक की सेहत सुधारी
पीएम ने कहा कि जो बैंकिंग सिस्टम डूबने की कगार पर था, आज वह बड़ा प्रॉफिट दे रहा है। यह बदलाव इसलिए आया क्योंकि हमारी नीतियों में स्पष्टता थी। जब नीति सही होती है को निर्णय सही होते हैं। संक्षेप में उन्होंने कहा - नियत सही तो नतीजे सही। उन्होंने कहा कि पब्लिक सेक्टर बैंक की सेहत सुधारने के लिए सरकार ने 3.5 लाख करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध कराई। सवा तीन लाख करोड़ रुपये के लोन निपटाए गए। बैंकों का ग्रॉस एनपीए 2018 में 11.25 प्रतिशत था, सितंबर 2020 आते-आते 3 प्रतिशत से भी कम हो गया। मैं इन सभी उपलब्धियों में आरबीआई की बहुत बड़ी भूमिका रही है और वह बधाई के पात्र हैं।
आज 52 करोड़ जनधन खाते हैं
पीएम ने कहा कि आरबीआई के लिए आप जो काम करते हैं वह सामान्य लोगों के जीवन को प्रभावित करता है। पीएम ने कहा कि देश में आज 52 करोड़ जनधन खाते हैं। इनमें भी आधे से ज्यादा खाते महिलाओं के नाम हैं। आज 7 करोड़ से ज्यादा पशुपालक मछली पालक के पास किसान क्रेडिट कार्ड है। यूपीआई आज दुनिया भर में अपनी पहचान बना चुका है। एक दशक के भीतर हम एक नई बैंकिंग व्यवस्था, नई करेंसी व्यवस्था में प्रवेश कर गए हैं।
एक दशक में जो हुआ वह तो महज एक ट्रेलर है
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में जो हुआ वह तो महज एक ट्रेलर है, अभी देश को बहुत आगे लेकर जाना है। हमें अगले 10 साल में देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देना होगा। हमें फाइनेंशियल इन्क्लूजन को मजबूत करना होगा। आरबीआई को ऐसी नीतियां बनाने की जरूरत है जिससे ईज और बैंकिंग बेहतर हो और सभी को इसका क्रेडिट मिल सके। उन्होंने कहा कि आरबीआई अलग-अलग क्षेत्रों की संभावनाओं का आकलन करे और मार्गदर्शन करे। सरकार रिजर्व बैंक के साथ है। जिस देश की प्रायोरिटी स्पष्ट हो उस देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।
आरबीआई को मॉनिटरिंग टूल पर सोचना चाहिए
पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दुनिया के बड़े देश कोविड की मार से उबरने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था नई ऊंचाई को छू रहा है। उन्होंने कहा कि आरबीआई को मॉनिटरिंग टूल पर सोचना चाहिए। वह ग्लोबल लीडर की भूमिका निभा सकता है। अगले 10 साल के टारगेट तय करते हुए हमें भारत के युवाओं की इच्छाओं को ध्यान रखने की जरूरत है। आरबीआई की इसमें बड़ी भूमिका हो सकती है। पीएम ने कहा कि हम आज इकोनॉमी के कई क्षेत्रों में हमने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। रिजर्व बैंक को आगे आउट ऑफ द बॉक्स सोचना होगा। उन्होंने गवर्नर शक्तिकांत दास की तारीफ की। पीएम ने कहा कि 21 वीं सदी में इनोवेशन का बड़ा महत्व रहने वाला है। सरकार इस पर काफी खर्च कर रही है।