RBI Digital Currency: लंबे समय के इंतजार के बाद RBI ने डिजिटल करेंसी को लॉन्च कर दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा शुरू किए गए ‘डिजिटल रुपये’ के पहले पायलट परीक्षण में आईसीआईसीआई बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा समेत कई बैंकों ने सरकारी सिक्योरिटी में लेनदेन के लिए हिस्सा लिया।
पहले दिन हुए 275 करोड़ रुपये के सौदे
आईसीआईसीआई बैंक ने ‘केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा’ (सीबीडीसी) का इस्तेमाल करते हुए आईडीएफसी फर्स्ट बैंक को जीएस 2027 सिक्योरिटिज बेची। उन्होंने बताया कि डिजिटल रुपये के साथ कुल मिलाकर 275 करोड़ रुपये के 48 सौदे हुए। भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और कोटक महिंद्रा बैंक ने भी डिजिटल रुपये (थोक खंड) के पहले पायलट परीक्षण में भाग लिया।
31 अक्टूबर को किया था ऐलान
आरबीआई ने सोमवार को डिजिटल रुपये (थोक खंड) का पहला पायलट परीक्षण शुरू करने की घोषणा करते हुए कहा था कि डिजिटल रुपये (खुदरा खंड) का पहला पायलट परीक्षण एक महीने के भीतर शुरू करने की योजना है। यह परीक्षण विशेष उपयोगकर्ता समूहों के बीच चुनिंदा स्थानों में किया जाएगा, जिसमें ग्राहक और कारोबारी शामिल हैं।
2022-23 के बजट में हुई थी घोषणा
आरबीआई की डिजिटल मुद्रा में सौदों का निपटान करने से निपटान लागत में कमी आने की संभावना है। सीबीडीसी किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से जारी होने वाले मौद्रिक नोटों का डिजिटल स्वरूप है। दुनियाभर के केंद्रीय बैंक सीबीडीसी लाने की संभावनाओं को टटोल रहे हैं। सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल रुपया लाने की घोषणा की थी।
डिजिटल करेंसी क्या है?
डिजिटल करेंसी मुद्रा का ही एक रूप है जो केवल डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप में ही उपलब्ध होती है। इसे डिजिटल मनी, इलेक्ट्रॉनिक मनी, इलेक्ट्रॉनिक करेंसी या साइबर कैश भी कहते हैं।
डिजिटल करेंसी 3 प्रकार की होती है
1. क्रिप्टोकरेंसी:- यह डिजिटल करेंसी है जो नेटवर्क में लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है। इसपर किसी भी देश की सरकार का नियंत्रण नहीं होता है। बिटकॉइन और एथेरियम इसके उदाहरण हैं।
2. वर्चुअल करेंसी: वर्चुअल करेंसी डेवलपर्स या प्रक्रिया में शामिल विभिन्न हितधारकों से मिलकर एक संगठन द्वारा नियंत्रित अनियमित डिजिटल करेंसी है।
3. सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC): सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी किसी देश के सेंट्रल बैंक द्वारा जारी की जाती हैं। आरबीआई ने इस करेंसी को ही जारी करने की बात कही है।
ये हैं डिजिटल करेंसी की प्रमुख बातें:
- डिजिटल करेंसी से जुड़े लेनदेन कंप्यूटर या इंटरनेट या इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट का उपयोग करके किए जाते हैं।
- डिजिटल करेंसी आमतौर पर एक ही नेटवर्क के अंदर मौजूद होती है और इनके बीच बैंक बिचौलिए का काम नहीं करता है इसलिए इसमें तेजी से लेनदेन होता है।
- फिजिकल करेंसी के लिए कई आवश्यकताएं होती हैं, जैसे उसके निर्माण में संसाधनों का उपयोग और खर्चे। डिजिटल करेंसी में ऐसी कोई आवश्यकता नहीं होती है। ये सस्ता होता है।
- डिजिटल करेंसी लेनदेन की लागत को सस्ता बनाती है।
- डिजिटल करेंसी पर सरकार की नजर रहेगी। डिजिटल करेंसी की ट्रैकिंग हो सकेगी जो फिजिकल करेंसी के साथ संभव नहीं है।