देश के केंद्रीय बैंक यानी भारतीय रिजर्व बैंक ने बीते बुधवार को पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाओं के अभाव के चलते, द सिटी को-ऑपरेटिव बैंक, महाराष्ट्र का लाइसेंस कैंसिल कर दिया। रिजर्व बैंक ने कहा कि महाराष्ट्र के सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्र्रार को बैंक को बंद करने और एक लिक्विडेटर (परिसमापक) नियुक्त करने का आदेश जारी करने के लिए कहा गया है। भाषा की खबर के मुताबिक, रिजर्व बैंक के मुताबिक, सहकारी बैंक 19 जून, 2024 को कारोबारी समय की समाप्ति से बैंक ऑपरेशन बंद कर दिया है।
87 प्रतिशत जमाकर्ता जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार
खबर के मुताबिक,हर जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से सिर्फ पांच लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमा राशि की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा। रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 87 प्रतिशत जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं। डीआईसीजीसी ने 14 जून, 2024 तक बैंक के संबंधित जमाकर्ताओं से प्राप्त इच्छा के आधार पर कुल बीमित जमाराशियों में से 230.99 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है।
बैंक का व्यवसाय करने से बैन
रिजर्व बैंक ने कहा कि मुंबई स्थित सहकारी बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। उसने कहा कि अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ बैंक अपने जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा। इसने कहा कि अगर इसे आगे भी अपना बैंक का कमाल जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो इससे जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। अपने लाइसेंस को कैंसिल करने के परिणामस्वरूप, सिटी को-ऑपरेटिव बैंक को 'बैंक का व्यवसाय करने से बैन कर दिया गया है, जिसमें दूसरी बातों के अलावा, जमा स्वीकार करना और जमा का पुनर्भुगतान शामिल है। इससे पहले आरबीआई ने एक और बैंक का लाइसेंस कैंसिल किया था।