राइड-हेलिंग स्टार्टअप रैपिडो लो-कॉस्ट एयरपोर्ट कैब सर्विस के साथ अपने बिजनेस में विस्तार कर रहा है। कंपनी को उम्मीद है कि ये सेगमेंट उनके रेवेन्यू में 20% का योगदान देगा। रैपिडो ने पिछले हफ्ते सूरत में एयरपोर्ट कैब सर्विस शुरू कर दी थी और चालू तिमाही में ये सभी महानगरों में शुरू हो जाएगी। रैपिडो के को-फाउंडर और सीईओ अरविंद सांका के मुताबिक एयरपोर्ट के रूट में कैब सर्विसेज के लिए काफी संभावना हैं क्योंकि हवाई यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है और ट्रांसपोर्ट के कुछ चुनिंदा ऑप्शन ही मौजूद हैं।
सुबह और रात में अभी भी कैब की कमी
अरविंद सांका ने कहा, "एयरपोर्ट पर यातायात में तेजी से बढ़ोतरी के साथ, हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले सालों में एयरपोर्ट बिजनेस हमारे कुल रेवेन्यू में 20% से ज्यादा का योगदान देगा। मिंट के मुताबिक एक एक्सपर्ट ने बताया कि देर रात और सुबह-सुबह कैब की उपलब्धता अभी भी यात्रियों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। उन्होंने कहा कि ओला, उबर और ब्लूस्मार्ट के साथ एयरपोर्ट में या उसके आसपास बुकिंग कियोस्क लगाने से रैपिडो की एयरपोर्ट मार्केट में उपस्थिति भी बढ़ सकती है।
शहरी राइड की तुलना में एयरपोर्ट राइड का किराया लगभग दोगुना
एक्सपर्ट ने कहा कि कुछ शहरों में ओला, उबर और ब्लूस्मार्ट के बड़े फ्लीट रैपिडो के लिए चुनौती बनेंगे। एक अन्य एक्सपर्ट के मुताबिक एयरपोर्ट राइड की कीमत आमतौर पर शहरी राइड की तुलना में लगभग दोगुनी होती है। ऐसे में ये सेगमेंट रेवेन्यू के लिहाज से कंपनियों के लिए एक पसंदीदा ऑप्शन बन जाता है। अरविंद सांका ने कहा कि एयरपोर्ट ट्रैफिक में बढ़ोतरी के साथ बेहतर कस्टमर एक्सपीरियंस और सस्ता किराया काफी अहम होगा।
तेजी से बढ़ रही है हवाई यात्रियों की संख्या
अरविंद सांका ने कहा, "कैब राइड के लिए सबसे कम किराये की गारंटी, हमें दूसरों से अलग बनाएगी। इसके साथ ही अच्छी तरह से मेनटेन की गई गाड़ियां और एडिशनल फीचर्स भी होंगे।" ICRA के अनुसार, भारत के हवाई यात्री यातायात में साल-दर-साल 8 से 11% की बढ़ोतरी होने और वित्त वर्ष 2025 के अंत तक रिकॉर्ड 407 से 418 मिलियन यात्रियों तक पहुंचने की उम्मीद है, जो राइड-हेलिंग कंपनियों के लिए शानदार ग्रोथ का संकेत देता है।