Indo-US Revolution: अमेरिकी ऊर्जा मंत्री जेनिफर ग्रैनहॉम ने मंगलवार को कहा कि वैश्विक स्तर पर ऊर्जा बदलाव यानी कोयला और अन्य परंपरागत ईंधनों से उत्पादित बिजली की जगह पवन तथा सौर ऊर्जा जैसी नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने का बाजार वर्ष 2030 तक 23,000 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान है। अमेरिका-भारत रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा भागीदारी पर यहां आयोजित मंत्री-स्तरीय बैठक में ग्रैनहॉम ने कहा कि अमेरिका शत-प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न बिजली के उपयोग के अपने लक्ष्य को लेकर वर्ष 2035 तक अपने ग्रिड से 2,000 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) स्वच्छ ऊर्जा जोड़ेगा।
भारत ने रखा है 2070 का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि हमें व्यापक स्तर पर एक साथ काम करना होगा और ऐसा करने के लिये हमें भागीदारी करनी होगी। हमें उन लोगों से सीखना होगा जो इसे अच्छी तरह अंजाम दे रहे हैं और वास्तव में अच्छी तरह आगे बढ़ सकते हैं। भारत ने वर्ष 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। साथ ही 2030 तक कुल ऊर्जा जरूरतों में 50 प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों से पूरा करने का लक्ष्य रखा है। बैठक में पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि 2023 में भारत-अमेरिका ऊर्जा व्यापार 20 अरब डॉलर का होगा।
भारत-अमेरिका की जोड़ी लाएगी क्रांति
अमेरिका आज हमारे ऊर्जा सहयोग में एक बहुत बड़ा भागीदार है। बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में दोनों पक्षों ने स्वच्छ ऊर्जा भागीदारी के महत्व को स्वीकार किया और सतत ऊर्जा बदलाव के लिये मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जतायी। दोनों देशों ने ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने, स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में इनोवेशन के लिये अवसर पैदा करने, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने तथा रोजगार पैदा करने में अमेरिका-भारत रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा भागीदारी के महत्व को रेखांकित किया।
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