भाजपा ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में भारी बहुमत के साथ रिकॉर्ड जीत दर्ज की है। बीजेपी को राज्य की 230 सीटों में से कुल 163 सीटों पर जीत हासिल हुई है। इस जीत में अहम भूमिका शिवराज सरकार की आर्थिक नीतियां रही हैं, जिनके जरिए पिछले 20 वर्षों में राज्य में तेज आर्थिक विकास देखने को मिला है।
करीब 20 गुना बढ़ी राज्य की जीडीपी
2003 में भाजपा सरकार बनने के समय राज्य की जीडीपी यानी 71,594 करोड़ रुपये थी, जो कि शिवराज सरकार के दौरान बढ़कर 13,22,821 करोड़ रुपये हो गई है। वहीं, वर्ष 2003 मे प्रदेश की आर्थिक विकास दर4.43% हुआ करती थी, आज वर्ष 2023 में 16.43% पर आ गई है। इसके साथ ही प्रति व्यक्ति आय जो वर्ष 2003 में मात्र 11,718 रुपये हुआ करती थी, आज वर्ष 2023 तक शिवराज सरकार में 1लाख 40 हजार रुपए हो गई है।
बजट 10 गुना से ज्यादा बढ़ा
2003 से अब तक यदि मध्यप्रदेश की आर्थिक रफ्तार पर नजर डाले तो उसमें आमूलचूल परिवर्तन नजर आता है। मध्यप्रदेश का 2003 में बजट 23 हजार करोड़ रुपए था जो अब बढ़कर 3लाख 14 हजार करोड़ रुपए हो गया है। वर्ष 2003 में मध्यप्रदेश का अधिसंरचना बजट 3878 करोड़ रुपए हुआ करता था, आज वर्ष 2023 तक में बढ़कर 56256 करोड़ हो गया। वहीं, वर्ष 2003 में मध्यप्रदेश का शिक्षा बजट 2456 करोड़ रुपए हुआ करता था और यह आज वर्ष 2023 तक शिवराज सरकार में बढ़कर 38375 करोड़ हो गया। वर्ष 2003 में मध्यप्रदेश का स्वास्थ्य बजट 579 करोड़ रुपए हुआ करता था जो कि वर्ष 2023 तक में बढ़कर 16,000 करोड़ हो गया। वर्ष 2003 में राज्य की औद्योगिक विकास दरमात्र -0.61% हुआ करती थी और वर्ष 2023 तक शिवराज सरकार में बढ़कर 24 प्रतिशत हो गई।
कृषि क्षेत्र में हुआ सुधार
वर्ष 2003 में सिंचाई की क्षमता मात्र 7, 68,000 हेक्टेयर हुआ करती थी जो कि 2023 में बढ़कर 45 लाख हेक्टेयर हो गई है। कृषि विकास दर 2023 में मात्र 3 प्रतिशत के मुकाबले 2023 में बढ़कर 18.89 प्रतिशत पर बनी हुई है। वहीं, वर्ष 2003 में कृषि उत्पादकता 1195 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर थी और यह आज वर्ष 2023 बढ़कर 2421 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर हो गई है।
इसके अलावा वर्ष 2003 मे प्रदेश में कुल खाद्यान उत्पादन 159 लाख मीट्रिक टन हुआ करता था, आज वर्ष 2023 में बढ़कर 619 लाख मीट्रिक टन हो गया। वर्ष 2003 में प्रदेश की कुल धान उत्पादन क्षमता 17.50 लाख मीट्रिक टन हुआ करती थी और यह आज वर्ष 2023 में बढ़कर 131.87 लाख मीट्रिक टन हो गई है। वर्ष 2003 में प्रदेश की कुल गेहूं उत्पादन क्षमता 73.65 लाख मीट्रिक टन हुआ करती थी। यह आज वर्ष 2023 में बढ़कर 352.73 लाख मीट्रिक टन हो गई है।