ज्वैलर्स (jewellers) के लिए एक अच्छी खबर आई है। सोने की तरह अब ज्वैलर्स भी अब सर्राफा एक्सचेंज (bullion exchange) के जरिये चांदी का आयात (silver import) कर सकेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को एक नोटिफिकेशन जारी कर योग्य ज्वैलर्स को सोने के इम्पोर्ट की तरह ही इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज आईएफएससी लिमिटेड (IIBX) के जरिये चांदी इम्पोर्ट (आयात) करने की अनुमति दे दी।
ज्वैलर्स को एडवांस पेमेंट भेजने की परमिशन
खबर के मुताबिक, इम्पोर्ट के सेटलमेंट से जुड़े बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे चांदी का आयात करने वाले ज्वैलर्स को 11 दिन के लिए एडवांस पेमेंट भेजने की परमिशन दें, जैसा की सोने के मामले में पहले ही लागू किया गया है। भाषा की खबर के मुताबिक, आरबीआई (RBI) के आदेश में कहा गया है, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) द्वारा नोटिफाई योग्य ज्वैलर्स को आईआईबीएक्स (IIBX) के माध्यम से विशिष्ट आईटीसी (एचएस) कोड के तहत चांदी आयात करने की अनुमति दी गई है।
यह फैसला लिया गया है कि अधिकृत बैंक योग्य ज्वैलर्स को आईआईबीएक्स (IIBX) के जरिये चांदी के आयात के लिए 11 दिनों के लिए एडवांस पेमेंट भेजने की परमिशन दे सकते हैं। यह 25 मई 2022 के सर्कुलर की शर्तों के अधीन होगा। पहले, चांदी के इम्पोर्ट पर बहुत ज्यादा बैन था। सिर्फ नामांकित एजेंसियों को ही इन्हें संभालने की परमिशन थी। बैंकों के लिए आरबीआई और दूसरी एजेंसियों के लिए डीजीएफटी द्वारा नामित किया गया था। रिफाइनरियां कुछ शर्तों के तहत सिल्वर डोरे का भी आयात कर सकती हैं।
बताया जा रहा है कि इस फैसले से भारत के चांदी व्यापार पर पॉजिटिव असर पड़ने की उम्मीद है। इससे योग्य ज्वैलर्स को अपने चांदी के आयात के लिए अतिरिक्त रास्ते मिलेंगे और आईएफएससीए के माध्यम से व्यापार को सुव्यवस्थित करने के सरकार के लक्ष्यों के साथ तालमेल बिठाया जा सकेगा।