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ग्रीन स्टांप पेपर से चमक रहा पंजाब का फ्यूचर, मान सरकार के प्रयासों से जमकर लग रहे उद्योग-धंधे

ग्रीन स्टांप पेपर मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार 2023 में लेकर आई थी। राज्य सरकार के अनुसार, उद्योगपतियों को ग्रीन स्टांप पेपर के साथ अप्लाई करने पर नए इंडस्ट्रीयल प्रोजेक्ट्स के लिए 2 सप्ताह के अंदर क्लीयरेंस मिल जाता है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Jan 28, 2025 13:22 IST, Updated : Jan 28, 2025 13:27 IST
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार की इस पहल के बाद से पंजाब में बड़ी मात्रा में इन्वे
Photo:पंजाब सरकार मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार की इस पहल के बाद से पंजाब में बड़ी मात्रा में इन्वेस्टमेंट आया है।

Green Stamp Paper : क्या आप जानते हैं कि पंजाब देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां एक स्पेसिफिक कलर कोडेड स्टांप पेपर भी चलन में है। इसे ग्रीन स्टांप पेपर के नाम से जाना जाता है। इन्वेस्टर्स के बीच इसका काफी प्रभाव है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार 2023 में यह स्टांप पेपर लेकर आई थी। इसके बाद से पंजाब में बड़ी मात्रा में इन्वेस्टमेंट आया है। इस स्टांप पेपर के आने के बाद राज्य में उद्योगपतियों को काफी सहूलियत हुई है। वे आसानी से अपने प्रोजक्ट राज्य में लगा पा रहे हैं और लाखों लोगों को इससे रोजगार मिल रहा है। तो आइए जानते हैं कि यह ग्रीन स्टांप पेपर असल में क्या है और सीएम भगवंत मान इससे कैसे पंजाब की सूरत बदल रहे हैं।

2 हफ्ते में मिल जाता है फैक्ट्री के लिए क्लीयरेंस

मई 2023 में भगवंत मान सरकार ने पंजाब में इंडस्ट्री के लिए ग्रीन स्टांप पेपर लाने का फैसला लिया था। इसका उद्देश्य उद्योगपतियों को उनके प्रोजेक्ट्स के लिए जल्दी क्लीयरेंस देना था। राज्य सरकार के अनुसार, उद्योगपतियों को ग्रीन स्टांप पेपर के साथ अप्लाई करने पर नए इंडस्ट्रीयल प्रोजेक्ट्स के लिए 2 सप्ताह के अंदर क्लीयरेंस मिल जाता है। हरे कलर वाले स्टांप पेपर का मतलब है कि फैक्ट्री मालिक को सभी अनुमतियां मिल गई हैं।

क्या है प्रोसेस?

उदाहरण के लिए अगर कोई उद्योगपति पंजाब में फैक्ट्री लगाना चाहता है। जब वह जमीन चिन्हित कर लेगा तो‘Invest Punjab’पोर्टल के जरिए या ऑफिस विजिट करके सरकार को सूचित करेगा। इसके बाद सरकार की भूमी उपयोग परिवर्तन टीम, जो अनुमति देती है, वह 10 दिन का समय लेगी। टीम द्वारा ओके करने पर उद्योगपति को ग्रीन कलर वाला स्टांप खरीदने को बोला जाता है। यह स्टांप पेपर नॉर्मल स्टांप पेपर से महंगा आता है। इसमें चेंज ऑफ लेंड यूज, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट क्लीयरेंस, पॉल्यूशन एंड फायर डिपार्टमेंट फीस जैसी सभी जरूरी अनुमतियां होती हैं। जमीन की रजिस्ट्री के बाद उद्योगपति फैक्ट्री का काम शुरू कर सकता है और उसे कोई परेशानी नहीं आएगी।

चंद दिनों में मिल रही सारी परमिशन

आप ऑफलाइन जाते हैं, तो राज्य में 'इन्वेस्ट पंजाब' के दफ्तर में ही तहसीलदार तैनात रहते हैं, जहां एक ही विंडो पर सभी तरह की मंजूरी 15 दिन के अंदर मिल रही हैं। 16वें दिन जमीन की रजिस्ट्री और 17वें दिन भूमि पूजन कर उद्योगपति उ‌द्योग लगा सकते हैं। जहां पहले सर्टिफिकेट ऑफ लैंड यूज हासिल करने में ही महीनों लग जाते थे, वहीं अब कुछ ही दिनों में सारी परमिशन मिल जाती है।

Disclaimer:  यह एक पेड फीचर आर्टिकल है। इंडिया टीवी इसमें बताए गए विचारों का समर्थन नहीं करता है और आर्टिकल में कही गई राय, विचारों, घोषणाओं के लिए किसी भी तरह से जिम्मेदार या उत्तरदायी नहीं होगा। पाठकों को स्व-विवेक के प्रयोग की सलाह दी जाती है।

 

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