हाउसिंग प्रोपर्टीज की ऊंची मांग की वजह से पिछले चार वर्षों में 30 दूसरी श्रेणी के या मझोले बाजारों में घरों की कीमतें 94 प्रतिशत तक बढ़ी हैं। रियल एस्टेट डेटा विश्लेषक कंपनी प्रॉपइक्विटी ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान परियोजनाओं के औसत पेशकश मूल्य की तुलना 2019-20 की दरों से की है। ये आंकड़े 30 बाजारों के प्राथमिक आवासीय बाजारों से संबंधित हैं। ये 30 बाजार अमृतसर, मोहाली, लुधियाना, चंडीगढ़, पानीपत, देहरादून, भिवाड़ी, सोनीपत, जयपुर, आगरा, लखनऊ, भोपाल, इंदौर, विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा, गुंटूर, मैंगलोर, मैसूर, कोयम्बटूर, कोच्चि, तिरुवंनतपुरम, रायपुर, भुवनेश्वर, अहमदाबाद, गांधीनगर, वडोदरा, सूरत, नासिक, नागपुर और गोवा हैं।
गोवा में 90% बढ़ी कीमतें
आंकड़ों के अनुसार, 24 मझोले बाजारों में आवास कीमतों में दोहरे अंकों की वृद्धि देखी गई, जबकि शेष छह में एकल अंक की मूल्य वृद्धि दर्ज की गई। इनमें से शीर्ष 10 बाजारों में आवासीय संपत्ति की कीमतों में 54 प्रतिशत से 94 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई। आगरा में घरों की कीमतें 2019-20 में 3,692 रुपये प्रति वर्ग फुट से अधिकतम 94 प्रतिशत बढ़कर 2023-24 में 7,163 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं। गोवा में आवास कीमतों में 90 प्रतिशत, लुधियाना में 89 प्रतिशत, इंदौर में 72 प्रतिशत, चंडीगढ़ में 70 प्रतिशत, देहरादून में 68 प्रतिशत, अहमदाबाद में 60 प्रतिशत, भुवनेश्वर में 58 प्रतिशत, मैंगलोर में 57 प्रतिशत तथा तिरुवंनतपुरम में 54 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
भोपाल में 52% का इजाफा
प्रॉपइक्विटी के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) समीर जसूजा ने कहा, ‘‘मझोले शहरों में कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई जिसकी मुख्य वजह मांग में वृद्धि है, क्योंकि पिछले पांच वित्त वर्षों में नई पेशकश की तुलना में मांग काफी अधिक रही है।’’ आंकड़ों के अनुसार, मैसूर में 53 प्रतिशत, भोपाल में 52 प्रतिशत, नागपुर में 51 प्रतिशत, गांधीनगर में 49 प्रतिशत, जयपुर में 49 प्रतिशत, वडोदरा में 48 प्रतिशत, नासिक में 46 प्रतिशत, सूरत में 45 प्रतिशत, कोच्चि में 43 प्रतिशत, मोहाली में 39 प्रतिशत, लखनऊ में 38 प्रतिशत, कोयंबटूर में 38 प्रतिशत, रायपुर में 26 प्रतिशत और विशाखापत्तनम में 11 प्रतिशत की मूल्यवृद्धि देखी गई। गुरुग्राम स्थित प्रॉपर्टी ब्रोकरेज फर्म वीएस रियलटर्स (आई) प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक विजय हर्ष झा ने कीमतों में वृद्धि का श्रेय बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के विकास और समूचे भारत में बेहतर संपर्क को दिया। रॉयल ग्रीन रियल्टी के प्रबंध निदेशक यशांक वासन ने कहा कि यह छोटे शहरों में बढ़ती मांग का परिणाम है।