नोएडा विकास प्राधिकरण ने शहर में दो भूमि आवंटनों के मामले में 2,409.77 करोड़ रुपये के लंबित बकाये पर रियल्टी समूह एम्स मैक्स गार्डेनिया (एएमजी) की संपत्तियां कुर्क करने का आदेश दिया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। हालांकि एएमजी समूह ने लंबित बकाया की राशि को चुनौती देते हुए दावा किया है कि यह लगभग 1,050 करोड़ रुपये ही है। समूह ने कहा कि वह अपनी आवासीय परियोजनाओं में फ्लैटों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ करने के लिए अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के अनुरूप इसका 25 प्रतिशत भुगतान करने को तैयार है। नोएडा प्राधिकरण के मुताबिक, एम्स मैक्स गार्डेनिया प्राइवेट लिमिटेड को सेक्टर 75 में ग्रुप हाउसिंग भूखंड आवंटित किया गया था। उस पर 1,717.29 करोड़ रुपये का बकाया था। इसी तरह गार्डेनिया एम्स डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड पर 692.48 करोड़ रुपये का बकाया था। उसे सेक्टर 46 में ग्रुप हाउसिंग भूखंड आवंटित किया गया था। ये दोनों बकायेदार कंपनियां एएमजी समूह की ही हैं। उन पर बकाया राशि की स्थिति 31 दिसंबर, 2023 तक की है।
बुधवार को आदेश जारी कर दिया
नोएडा प्राधिकरण ने बकाया भुगतान न होने के आधार पर एएमजी समूह की संपत्तियां कुर्क करने का बुधवार को आदेश जारी कर दिया। इसके साथ ही प्राधिकरण ने कहा कि इन दोनों परियोजनाओं में फंसे सभी 3,379 फ्लैट खरीदारों के पक्ष में नियमों के अनुरूप रजिस्ट्री की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) लोकेश एम ने कहा, "रूकी पड़ी रियल एस्टेट परियोजनाओं की समस्याएं हल करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 12 दिसंबर, 2023 के अपने आदेश के जरिये एक नीति/ पैकेज निर्धारित किया है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि बिल्डर प्राधिकरण को देय बकाया चुकाएं और खरीदारों के पक्ष में फ्लैटों की रजिस्ट्री जल्द से जल्द करें।" उन्होंने एक बयान में कहा, "इसी नीति के अनुरूप नोएडा प्राधिकरण ऐसे बिल्डरों की पहचान कर फ्लैट खरीदारों के पक्ष में उनकी देनदारी की पूरी राशि का 25 प्रतिशत प्राधिकरण में जमा कराकर रजिस्ट्री कराने की कार्रवाई कर रहा है।" कुल बकाया राशि का 25 प्रतिशत भुगतान कर राहत पाने की समय सीमा दिसंबर 2023 तक ही होने का उल्लेख करते हुए प्राधिकरण ने कहा कि दोनों भूमि आवंटियों को अब ब्याज सहित पूरा बकाया चुकाना होगा।
फ्लैटों के कब्जे में देरी होने की समस्या बनी हुई
इस बीच, एम्स मैक्स गार्डेनिया के प्रवक्ता ने कहा कि समूह अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों पर "वास्तविक राशि जो लगभग 600 करोड़ रुपये और 450 करोड़ रुपये है" का 25 प्रतिशत जमा करके शून्य अवधि (कांत पैनल द्वारा अनुशंसित छूट) का लाभ लेना चाहता है। प्रवक्ता ने कहा, "जिस मामले में प्राधिकरण 1,717 करोड़ रुपये और 692 करोड़ रुपये के बकाये की बात कर रहा है, वह अभी भी अदालत में लंबित है। अदालत के आदेश के अनुसार जो भी निर्णय आएगा, हम उसके हिसाब से आगे बढ़ेंगे।" नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लंबे समय से रजिस्ट्री न हो पाना और फ्लैटों के कब्जे में देरी होने की समस्या बनी हुई है। केंद्र स्तर पर अमिताभ कांत की अध्यक्षता वाली एक समिति ने घर खरीदारों, बिल्डरों और स्थानीय अधिकारियों से जुड़ी समस्याएं दूर करने के लिए सिफारिशें की हैं।