सार्वजनिक क्षेत्र के सभी 12 बैंकों ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 9.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। इस दौरान इन बैंकों का सामूहिक लाभ लगभग 15,306 करोड़ रुपये रहा है। गौरतलब है कि एसबीआई और पीएनबी जैसे बड़े बैंकों के खराब प्रदर्शन के बावजूद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल प्रदर्शन संतोषजनक रहा है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा जारी तिमाही आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में इन बैंकों ने कुल 14,013 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया था। इन 12 में तीन बैंकों - भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और बैंक ऑफ इंडिया ने अपने मुनाफे में सात से 70 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की। इन बैंकों ने कहा कि बॉन्ड प्रतिफल के सख्त होने के कारण उनका मुनाफा घटा। वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में नौ बैंकों ने तीन से 117 प्रतिशत तक लाभ दर्ज किया।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र की ग्रोथ सबसे अधिक
पुणे स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने सबसे अधिक प्रतिशत वृद्धि दर्ज की और उसका मुनाफा बढ़कर 452 करोड़ रुपये हो गया। इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा का स्थान रहा, जिसने 79 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए कुल 2,168 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल किया।
SBI को 6,068 करोड़ रुपये का लाभ
गिरावट के बावजूद एसबीआई का शुद्ध लाभ 6,068 करोड़ रुपये रहा, जिसका योगदान संयुक्त लाभ में सबसे अधिक रहा। संयुक्त लाभ में अकेले एसबीआई ने लगभग 40 प्रतिशत योगदान दिया। इसके बाद 2,168 करोड़ रुपये के साथ बैंक ऑफ बड़ौदा का स्थान रहा। इस दौरान, एसबीआई सहित नौ बैंकों ने शेयरधारकों को 7,867 करोड़ रुपये के लाभांश की घोषणा की।
बीमा कंपनियों की प्रीमियम आय 91% बढ़ी
एक साल पहले जुलाई, 2021 में जीवन बीमा कंपनियों की नई प्रीमियम आय 20,434.72 करोड़ रुपये रही थी। इरडा के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने नई पॉलिसी के प्रीमियम से सर्वाधिक 29,116.68 करोड़ रुपये की आय भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की रही। एक साल पहले इसी महीने में एलआईसी की नए कारोबार से प्रीमियम आय 12,030.93 करोड़ रुपये रही थी। देश के जीवन बीमा बाजार में एलआईसी की सबसे ज्यादा 68.6 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बाकी 23 अन्य जीवन बीमा कंपनियों की भी नई पॉलिसी प्रीमियम आय इस अवधि में करीब 19 प्रतिशत बढ़कर 9,962.22 करोड़ रुपये हो गई।