ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के प्रमुख संजय कुमार अग्रवाल ने गुरुवार को कहा कि कथित टैक्स चोरी को लेकर ई-गेमिंग कंपनियों को कानूनी प्रावधानों के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किये गये हैं। उन्होंने कहा कि कर मांग आंकड़ों के विश्लेषण पर आधारित है। अग्रवाल ने यह भी कहा कि सरकार एक अक्टूबर से विदेशी ऑनलाइन गेमिंग मंचों के अनिवार्य पंजीकरण के साथ-साथ ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत कर लगाने के संशोधित प्रावधानों को लागू करने को पूरी तरह से तैयार है। जीएसटी परिषद ने जुलाई और अगस्त में अपनी बैठकों में ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ को कर योग्य कार्रवाई दावों के रूप में शामिल करने के लिये कानून में संशोधन को मंजूरी दी थी। साथ ही स्पष्ट किया था कि ऐसी आपूर्ति के मामले में दांव में लगी पूरी राशि पर 28 प्रतिशत माल और सेवा कर (जीएसटी) लगेगा।
इन कंपनियों को भेजे गएं नोटिस
संसद ने परिषद के निर्णय को प्रभावी बनाने के लिये पिछले महीने केंद्रीय जीएसटी और एकीकृत जीएसटी कानूनों में संशोधन पारित किया। तब से, ड्रीम-11 जैसी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और कसीनो चलाने वाली डेल्टा कॉर्प को उनके मंच के जरिये दांव पर लगाये गये पूर्ण अंकित मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान न करने को लेकर कर अधिकारियों से कारण बताओ नोटिस मिले हैं। अग्रवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जो कारण बताओ नोटिस जारी किये जा रहे हैं, वे कानूनी प्रावधान के अनुसार है। विभाग कानून की व्याख्या में एक समान रुख अपना रहा है। उसी के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किये जा रहे हैं।’’ इन ई-गेमिंग कंपनियों पर बकाया कर राशि के बारे में पूछे जाने पर अग्रवाल ने कहा, ‘‘मेरे लिए इस बारे में कुछ कहना बहुत मुश्किल है क्योंकि कई कंपनियां हैं। आंकड़े एकत्र किये जा रहे हैं और जहां भी आंकड़े प्राप्त हए हैं, विभाग ने कारण बताओ जारी किया है।’’
ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी जीएसटी
जीएसटी की शुरुआत से ही ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत कर लगाया गया था। जीएसटी परिषद ने निर्णय लिया था कि इन आपूर्तियों को कार्रवाई योग्य दावों के रूप में वर्गीकृत करने और कराधान प्रावधानों को स्पष्ट करने का संशोधित प्रावधान एक अक्टूबर से लागू होगा। इसकी समीक्षा छह महीने बाद, यानी अप्रैल 2024 में किये जाने का प्रस्ताव है। भले ही केंद्रीय जीएसटी और एकीकृत जीएसटी कानूनों में संशोधन संसद में पारित हो गये हैं, लेकिन वित्त मंत्रालय ने अभी तक इन स्पष्टीकरण संशोधनों को लागू करने की नियत तारीख अधिसूचित नहीं की है। इसके अलावा, कुछ राज्यों को जीएसटी कानून में संशोधन पारित करना बाकी है। लगभग 12 राज्यों ने अपनी विधानसभाओं में जीएसटी में जरूरी संशोधनों को पारित कर दिया है। ऐसा समझा जाता है कि इतनी ही संख्या में राज्य एक अक्टूबर से बदलाव को लागू करने के लिये अध्यादेश लेकर आए हैं।
30 सितंबर तक कानून बनाना या अध्यादेश लाना जरूरी
सीबीआईसी के चेयरमैन ने कहा, ‘‘हम ऑनलाइन गेमिंग का संशोधित प्रावधान एक अक्टूबर से लागू करने के लिये पूरी तरह से तैयार हैं। जीएसटी परिषद की पिछली बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार, संबंधित अधिसूचनाएं प्रक्रियाधीन हैं। सभी राज्यों के लिये इस संदर्भ में 30 सितंबर तक कानून बनाना या अध्यादेश लाना जरूरी है।’’ उल्लेखनीय है कि डेल्टा कॉर्प को 16,800 करोड़ रुपये कम कर भुगतान को लेकर पिछले सप्ताह कारण बताओ नोटिस दिया गया। ऑनलाइन गेमिंग कंपनी गेम्सक्राफ्ट को पिछले साल सितंबर में 21,000 करोड़ रुपये जीएसटी की वसूली के लिये इसी तरह का कारण बताओ नोटिस दिया गया था। कंपनी ने कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था जिसने कारण बताओ नोटिस को रद्द कर दिया था। इसके बाद, जुलाई में राजस्व विभाग ने गेम्सक्राफ्ट मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले पर उच्चतम न्यायालय में एक विशेष अनुमति याचिका दायर की। मामले की सुनवाई की अगली तारीख 10 अक्टूबर तय की गयी है।