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Edible oil prices : सरसों, मूंगफली, सोयाबीन और पाम... जानिए इन तेलों की कीमतों में कितना हुआ बदलाव

Edible oil prices : जो लोग किसानों को सस्ते में बेचने के मकसद से और सरसों का भाव तोड़ने के लिए आने वाले दिनों में सोयाबीन और सूरजमुखी का आयात बढ़ने की चर्चा फैला रहे थे, वे अब खामोश हैं और किसानों को भी समझ आ रहा है कि ऐसी अफवाहों का कारण क्या था।

Edited By: Pawan Jayaswal
Published : Apr 06, 2024 23:48 IST, Updated : Apr 06, 2024 23:48 IST
खाद्य तेलों के भाव
Photo:FILE खाद्य तेलों के भाव

Edible oil prices : सरसों की सरकारी खरीद बढ़ने से शनिवार को देश के तेल-तिलहन बाजारों में सरसों, सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (CPO) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल की कीमतें सुधार के साथ बंद हुईं। ऊंचे थोक भाव पर कम लिवाली से मूंगफली तेल तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बंद हुए। बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरसों की कई राज्यों में सरकारी खरीद बढ़ने के बाद सरसों के साथ-साथ सभी खाद्य तेल तिलहनों के दाम में सुधार आया। मूंगफली का थोक भाव महंगा होने से इसमें कारोबार कम है। पेराई मिल वालों को सरसों और मूंगफली की पेराई में 4-5 रुपये किलो का नुकसान बैठता है, क्योंकि आयातित तेलों के थोक दाम कम बैठते हैं। जिससे बाजार धारणा प्रभावित होती है और देशी तेल तिलहनों के खपने की मुश्किल आती है।

सरकारी खरीद बढ़ने का इंतजार कर रहे सरसों किसान

दूसरी ओर खुदरा में यही खाद्यतेल अपने पूरे दाम पर बिक रहे हैं और नवरात्रि और शादी-विवाह के मौसम के दौरान इन खाद्यतेलों की मांग भी है। सूत्रों के मुताबिक, जो लोग किसानों को सस्ते में बेचने के मकसद से और सरसों का भाव तोड़ने के लिए आने वाले दिनों में सोयाबीन और सूरजमुखी का आयात बढ़ने की चर्चा फैला रहे थे, वे अब खामोश हैं और किसानों को भी समझ आ रहा है कि ऐसी अफवाहों का कारण क्या था। इसलिए अब यही किसान पूरे दाम पर इन सरसों फसलों को बेचने के लिए सरकारी खरीद बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं और कोई जल्दबाजी नहीं कर रहे।

क्यों परेशान हैं सोयाबीन किसान ?

उन्होंने बताया कि इसी वजह से सरसों की मंडियों में आवक 9-9.25 लाख बोरी पर स्थिर बनी हुई है। सोयाबीन के किसान अलग परेशान हैं, क्योंकि आयातित खाद्यतेलों के थोक दाम सस्ता होने की वजह से उनका देशी उत्पादन बाजार में खप नहीं रहा और पिछले छह महीने से अपना सोयाबीन दाना (तिलहन) को बचाये हुए हैं। देश में खाद्य तेलों की आपूर्ति दुरुस्त होने के लिए अभी इंतजार करना होगा। खुदरा में सभी खाद्य तेलों की अच्छी मांग है और आगामी दिनों में यह मांग और बढ़ने की संभावना है।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

  • सरसों तिलहन - 5,435-5,475 रुपये प्रति क्विंटल।
  • मूंगफली - 6,180-6,455 रुपये प्रति क्विंटल।
  • मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,000 रुपये प्रति क्विंटल।
  • मूंगफली रिफाइंड तेल 2,270-2,545 रुपये प्रति टिन।
  • सरसों तेल दादरी- 10,425 रुपये प्रति क्विंटल।
  • सरसों पक्की घानी- 1,765-1,865 रुपये प्रति टिन।
  • सरसों कच्ची घानी- 1,765 -1,880 रुपये प्रति टिन।
  • तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
  • सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,700 रुपये प्रति क्विंटल।
  • सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,450 रुपये प्रति क्विंटल।
  • सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,075 रुपये प्रति क्विंटल।
  • सीपीओ एक्स-कांडला- 9,450 रुपये प्रति क्विंटल।
  • बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,700 रुपये प्रति क्विंटल।
  • पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,750 रुपये प्रति क्विंटल।
  • पामोलिन एक्स- कांडला- 9,800 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
  • सोयाबीन दाना - 4,740-4,760 रुपये प्रति क्विंटल।
  • सोयाबीन लूज- 4,540-4,580 रुपये प्रति क्विंटल।
  • मक्का खल (सरिस्का)- 4,075 रुपये प्रति क्विंटल।

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