रेयर अर्थ मेटल जैसे लिथियम के कारोबार में चीन की गहरी पकड़ को देखते हुए भारत भी तेजी से इस क्षेत्र में कार्य कर रहा है। जल्द ही भारत, दक्षिण अमेरिकी देश आर्जेन्टिना में 5 लिथियम रिजर्व के ब्लॉक खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक ये बातचीत आखिरी स्टेज में है।
रिपोर्ट में बताया गया कि खानजी विदेश इंडिया लिमिटेड (ये एक ज्वाइंट वेंचर है, जिसकी स्थापना भारत को कर्मशियल उपयोग के लिए स्ट्रैटेजिक रिजर्व उपलब्ध कराने के लिए हुई थी) और आर्जेन्टिना की कंपनी CAMYEN के बीच जल्द इसे लेकर समझौता भी किया जा सकता है।
2 अरब रुपये का निवेश करेगा भारत
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत अगले पांच वर्षों में इन माइन्स की एक्सपोलोरेशन और डेपलवमेंट के लिए 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश करेगा। इसका प्रस्ताव भी तैयार कर कैबिनेट कमेटी को सौंप दिया गया है। बता दें, अगर से करार हो जाता है तो रेयर अर्थ मेटल क्षेत्र में विदेश में ये भारत का दूसरा करार होगा। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया में दो लिथियम और तीन कोबाल्ट बॉल्क के लिए भारत पहले ही करार कर चुका है।
लिथियम के लिए चीन पर निर्भर
भारत काफी हद तक लिथियम के चीन पर निर्भर करता है। अकेले वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की ओर से करीब 25,000 करोड़ का आयात किया गया है। ईवी की बैटरी आदि बनाने में इसका बड़ी मात्रा में उपयोग होता है। ऐसे में जब भारत की कंपनियां स्वयं लिथियम का प्रोडक्शन करेंगी, तो इससे लिथियम से बैटरी कीमत कम हो सकती है।
दुनिया के टॉप 5 लिथियम रिजर्व
बोलिविया -21 मिलियन टन
आर्जेन्टिना -20 मिलियन टन
चिली - 11 मिलियन टन
ऑस्ट्रेलिया - 7.9 मिलियन टन
चीन-6.8 मिलियन टन
अन्य- 31.2 मिलियन टन
(सोर्स-यूएस जियोलॉजिकल सर्वे)