चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने देश में आर्थिक संकट के बीच धैर्य रखने का आह्वान किया और कहा कि पश्चिमी देश अपने भौतिकवाद और दिवालियापन के कारण परेशानियां बढ़ा रहे हैं। पार्टी की पत्रिका ‘क्यूशी’ में शी का भाषण प्रकाशित किया गया। इससे कुछ घंटे पहले ही जारी आंकड़ों में संघर्षरत उद्यमियों को समर्थन देने के आधिकारिक वादों के बावजूद जुलाई में उपभोक्ता व फैक्टरी गतिविधि और कमजोर होने की बात सामने आई थी। सरकार ने अब युवकों के बीच बेरोजगारी को लेकर भी अद्यतन आंकड़े जारी करना बंद कर दिया है।
पश्चिम देश परेशानियां बढ़ा रहे
शी जिनपिंग ने अपने भाषण में कहा, हमें धैर्य बनाए रखना चाहिए और स्थिर व चरणबद्ध प्रगति पर जोर देना चाहिए। पत्रिका ‘क्यूशी’ के अनुसार, राष्ट्रपति ने यह भाषण फरवरी में दक्षिण-पश्चिमी शहर चोंगकिंग में दिया था। आमतौर पर पत्रिका द्वारा कई महीने बाद ही भाषण प्रकाशित किया जाता है। शी ने कहा कि पश्चिमी शैली का आधुनिकीकरण अधिकतर लोगों के हितों में नहीं है बल्कि पूंजीगत हितों को बढ़ावा देने की कोशिश करता है। उन्होंने कहा कि आज पश्चिम देश परेशानियां बढ़ा रहे हैं। वह भौतिकवाद और आध्यात्मिक दिवालियापन जैसी समस्याओं से निपटने में असमर्थ हैं। देश में अप्रैल-जून में आर्थिक वृद्धि घटकर 0.8 प्रतिशत रह गई, जो जनवरी-मार्च में 2.2 प्रतिशत थी।
चीन ने श्रीलंका को मदद का दिया आश्वासन
श्रीलंका के सबसे बड़े द्विपक्षीय ऋणदाता चीन ने द्वीप राष्ट्र को ऋण चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने में मदद का आश्वासन दिया है। चीन ने यह आश्वासन ऐसे समय में दिया है, जब देश को सितंबर तक अपने बाहरी और घरेलू ऋण पुनर्गठन को अंतिम रूप देना है। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) इस साल मार्च में दिए गए 2.9 अरब डॉलर के राहत पैकेज की पहली समीक्षा करेगा। आईएमएफ 11-19 सितंबर को यह समीक्षा करेगा। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से बुधवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के विदेश मंत्री व विदेश मामलों से जुड़े आयोग के कार्यालय के निदेशक वांग यी ने सातवें चीन-दक्षिण एशियाई एक्सपो के मौके पर श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवरधन से मुलाकात करने वाली केंद्रीय समिति को आश्वासन दिया कि वे देश को उसकी ऋण संबंधी चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने में मदद करेंगे।