Saturday, November 02, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. Power Cut: भीषण गर्मी में बिजली संकट से आगे भी राहत की उम्मीद नहीं! मांग के मुकाबले नहीं हो रहा उत्पादन

Power Cut: भीषण गर्मी में बिजली संकट से आगे भी राहत की उम्मीद नहीं! मांग के मुकाबले नहीं हो रहा उत्पादन

देश में बिजली की मांग में वृद्धि के बीच मांग-आपूर्ति में अंतर के साथ आने वाले समय में इसकी कमी बनी रह सकती है। इसका कारण पिछले कुछ साल से तापीय बिजली क्षमता में धीमी वृद्धि है।

Edited by: Alok Kumar @alocksone
Published on: June 06, 2022 18:52 IST
Power Cut- India TV Paisa
Photo:FILE

Power Cut

Power Cut: देश में बिजली की मांग में वृद्धि के बीच मांग-आपूर्ति में अंतर के साथ आने वाले समय में इसकी कमी बनी रह सकती है। इसका कारण पिछले कुछ साल से तापीय बिजली क्षमता में धीमी वृद्धि है। विदेशी ब्रोकरेज कंपनी बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज ने सोमवार को एक रिपोर्ट में यह कहा। तापीय बिजली क्षमता में वित्त वर्ष 2009-10 से 2018-19 के दौरान नौ प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई थी जबकि इस दौरान मांग चार प्रतिशत की दर से बढ़ी। वहीं वित्त वर्ष 2018-19 से 2021-22 के दौरान क्षमता वृद्धि घटकर करीब दो प्रतिशत पर आ गयी जबकि मांग में पांच प्रतिशत का उछाल आया। देश में कुल बिजली उत्पादन में तापीय बिजलीघरों का योगदान 75 प्रतिशत है। 

अधिकतम मांग ने बिगाड़ा खेल

बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज ने कहा कि मांग-आपूर्ति में इस अंतर का कारण कई दबाव वाली परियोजनाओं का होना और नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर है। इसके अलावा गर्मी बढ़ने और आर्थिक गतिविधियों में तेजी से भी अधिकतम मांग के साथ बिजली की कमी बढ़कर 1.3 प्रतिशत पर पहुंच गयी जो वित्त वर्ष 2020-21 में 0.4 प्रतिशत थी। रिपोर्ट के अनुसार, क्षमता विस्तार में कम-से-कम दो-तीन साल लगेंगे। साथ ही क्षमता के मुकाबले उत्पादन कम होने (प्लांट लोड फैक्टर) के कारण नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन 10 से 11 प्रतिशत तक सीमित है। ऐसे में अधिकतम मांग के समय बिजली की कमी/कोयले की मांग में वृद्धि आने वाले समय में भी बनी रह सकती है। इसमें कहा गया है कि सरकार दबाव वाली परियोजनाओं के समाधान के साथ संकट का हल निकालने की कोशिश कर रही है। 

भविष्य में सुधार होने की उम्मीद 

रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 तक 27,000 मेगावॉट से अधिक अतिरिक्त क्षमता सृजित होने की उम्मीद है। इससे भविष्य में मांग-आपूर्ति में अंतर दूर होने की संभावना है। इसमें 15,600 मेगावॉट राज्य जबकि 12,000 मेगवॉट सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम लगा रहे हैं। इसमें एनटीपीसी का योगदान 7,300 मेगावॉट होगा। इसमें कहा गया है कि अगले तीन से चार साल में कुल 30,000 मेगावॉट बिजली क्षमता जुड़ने की उम्मीद है। इसमें से 27,000 मेगावॉट नई क्षमता जबकि 3,000 से 4,000 मेगावॉट दबाव वाली परियोजनाओं के समाधान से आएगी।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement