Highlights
- देश के कुल डाक घरों में से 1,52,514 को कोर बैंकिंग सिस्टम
- पूरे देश में अभी 1,58,526 पोस्ट ऑफिस हैं
- रूरल एरिया के लोग पोस्ट ऑफिस से बड़ी संख्या में जुड़े हुए हैं
नई दिल्ली। बैंकों की तरह जल्द ही पोस्ट ऑफिस खाताधारकों को किसी भी खाते में पैसा भेजने और प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी। मिनिस्टर ऑफ स्टेट फोर कम्युनिकेशंस देवुसिंह चौहान ने एक सावल के जवाब में लोकसभा में इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इस सेवा के शुरू हो जाने के बाद डाकघर खातों से बैंक खातों में और बैंक खातों से डाकघर खातों में ऑनलाइन फंड ट्रांसफर की सुविधा मिलेगी। गौरतलब है कि अभी बैंक के ग्राहक आसानी से किसी भी खाते में पैसा भेज और प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि, अभी पोस्ट ऑफिस खाताधारकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं, ग्रामीण और रूरल एरिया के लोग पोस्ट ऑफिस से बड़ी संख्या में जुड़े हुए हैं। ऐसे में उनको डाक और बैंक खातों के बीच धन के ऑनलाइन हस्तांतरण की सुविधा मिलने से बड़ा फायदा होगा।
एनईएफटी और आरटीजीएस सुविधा पर काम चालू
'कभी भी कहीं भी डाकघर बचत' सेवा के तहत डाक और बैंक खातों के बीच धन के ऑनलाइन हस्तांतरण की अनुमति देने वाली सेवा के बारे में जानकारी देते हुए संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने लोकसभा को बताया कि सरकार एनईएफटी और आरटीजीएस सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में काम कर रही है। मंत्री ने यह भी बताया कि अभी तक देश के कुल डाक घरों में से 1,52,514 को कोर बैंकिंग सिस्टम के दायरे में लाया जा चुका है। पूरे देश में अभी 1,58,526 पोस्ट ऑफिस हैं। इसका मतलब हुआ कि अब सिर्फ 6,012 पोस्ट ऑफिस ही ऐसे बचे हैं, जिन्हें अब तक कोर बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा नहीं गया है।
इन योजनाओं पर भी चल रहा काम
मंत्री ने बताया कि कोर बैंकिंग समाधान का कार्यान्वयन, एटीएम की स्थापना, इंट्रा-ऑपरेबल इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा, इंट्रा-ऑपरेबल मोबाइल बैंकिंग, इंटर-एक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स सुविधा, इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सिस्टम के माध्यम से बैंक खातों में परिपक्वता मूल्य जमा करना कुछ ऐसे कदम हैं जो सरकार द्वारा उठाए गए हैं। विभाग आने वाले वर्षों में डाकघर बचत को बढ़ावा देगी। इनके अलावा ग्रामीण व पर्वतीय इलाकों में स्थित डाक घरों के लिए सब्सक्राइबर आइडेंटिफिकेशन मॉड्यूल बेस्ड हैंडहेल्ड डिवाइसेज और प्वाइंट ऑफ सेल डिवाइसेज उपलब्ध कराने की योजना है।