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कंगाल पाकिस्तान कर्ज में डूबता जा रहा, 6 माह में जमकर लिया विदेशी लोन

पाकिस्तान को कर्ज देने वाले बहुपक्षीय संस्थानों में विश्व बैंक 30.6 करोड़ डॉलर के साथ सबसे आगे रहा जबकि चीन 50.9 करोड़ डॉलर के साथ अग्रणी द्विपक्षीय ऋणदाता बनकर उभरा।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Mar 07, 2024 17:53 IST, Updated : Mar 07, 2024 17:53 IST
shehbaz sharif
Photo:PTI शहबाज़ शरीफ़

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भारी मंदी की चपेट में है। महंगाई चरम पर जिससे आम जनता कराह रही है। सरकार के पास देश का खर्च चलाने के लिए पैसे नहीं है। ऐसे में एक ही रास्ता बचा हुआ है और वह है कर्ज लेने का। हालात ऐसे हो गए हैं कि कर्ज चुकाने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। इससे पाकिस्तान कर्ज के बोझ में डूबता जा रहा है। आर्थिक मामलों के मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान का विदेशी लोन पिछले साल अप्रैल-सितंबर की अवधि में 1.2 अरब डॉलर बढ़कर 86.35 अरब डॉलर से अधिक हो गया जिसमें विश्व बैंक और चीन की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। लगातार कर्ज लेने से कर्ज में बढ़ोतरी हुई है।

विदेशी देशों से लगातार कर्ज ले रहा पाक

रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान को जुलाई-सितंबर, 2023 में 1.5 अरब डॉलर के ऋण भुगतान के मुकाबले 3.5 अरब डॉलर का कुल विदेशी धन मिला जिससे शुद्ध प्रवाह 1.97 अरब डॉलर का रहा। इसके साथ सितंबर, 2023 तक पाकिस्तान सरकार का कुल बाहरी public debt बढ़कर 86.35 अरब डॉलर हो गया। मंत्रालय के हवाले से समाचारपत्र ‘द डॉन’ में बृहस्पतिवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुल बाहरी public debt का लगभग 64 प्रतिशत रियायती शर्तों और लंबी परिपक्वता अवधि वाले बहुपक्षीय और द्विपक्षीय स्रोतों से मिला था। पाकिस्तान पर मार्च, 2023 तक बाह्य सार्वजनिक ऋण 85.18 अरब डॉलर था। 

विश्व बैंक और चीन से सबसे अधिक कर्ज 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में 64.2 करोड़ डॉलर के नए ऋण समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे और सभी नई प्रतिबद्धताओं को बहुपक्षीय विकास भागीदारों द्वारा वित्तपोषित किया गया था। पाकिस्तान को कर्ज देने वाले बहुपक्षीय संस्थानों में विश्व बैंक 30.6 करोड़ डॉलर के साथ सबसे आगे रहा जबकि चीन 50.9 करोड़ डॉलर के साथ अग्रणी द्विपक्षीय ऋणदाता बनकर उभरा। 

सरकार के पास क्या विकल्प बचा 

जानकारों का कहना है कि सरकार की कमाई हो नहीं रही है। इसकी वजह पाक में घोर आर्थिक मंदी है। वहीं, सरकार दूसरी ओर कर्ज चुकाने के लिए नया कर्ज का सहारा ले रही है। इससे संकट से निकलना मुश्किल है। इससे बचने के लिए सरकार को खर्च कम करने, टैक्स कलेक्शन बढ़ाने और सरकार की कंपनियों में जरूरी सुधार करने चाहिए।

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