भारत में हर साल लाखों लोग सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाते हैं। कई बार मानवीय चूक या अनदेखी इन सड़क दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं। लेकिन कई बार देखने को मिला है कि सड़क की इंजीनियरिंग इतनी खराब होती है कि शहरी सड़कों और हाइवे पर कुछ स्थान दुर्घटना के हॉटस्पॉट के रूप में भी कुख्यात हो जाते हैं।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी सड़कों की इन त्रुटियों को माना है। उन्होंने भारतीय कंपनियों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) की खराब गुणवत्ता पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि मानकों पर पूरी नहीं उतरने वाली ऐसी रिपोर्ट के कारण परियोजना पूरी होने में देरी होती है और सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि ज्यादातर मामलों में राजमार्गों और अन्य सड़कों के निर्माण में लागत वृद्धि निर्णय लेने में देरी के कारण होती है। उन्होंने कहा, “सबसे ज्यादा दोषी कोई है तो डीपीआर बनाने वाला। डीपीआर की गुणवत्ता सबसे बड़ा मुद्दा है।”
मंत्री ने कहा कि भारतीय कंपनियों द्वारा तैयार रिपोर्ट अच्छी नहीं होती है इसलिए अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को वरीयता दी जानी चाहिए। अपने स्पष्ट विचारों के लिए चर्चित केंद्रीय मंत्री ने कुछ सड़क हादसों के लिए डीपीआर की खराब गुणवत्ता को जिम्मेदार ठहराया। गडकरी ने कहा कि ठेकेदारों को डीजल से संचालित मशीनों के उपयोग को कम कर देना चाहिए।