Highlights
- पीएम मोदी 5G सर्विस नहीं करेंगे लॉन्च
- 29 सितंबर को होने की उम्मीद
- 5G सर्विस में रिलायंस ने मारी है बाजी
5G Service: देश 5जी सर्विस की सेवाओं का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। 7 दिनों तक चली 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी खत्म हो चुकी है। नए तारीख का ऐलान भी हो चुका था, लेकिन अब एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। खबर आ रही है कि अब लाल किले से पीएम मोदी (PM Modi) 5G सर्विस नहीं लॉन्च करेंगे।
29 सितंबर को होने की है उम्मीद
हाल के एक रिपोर्ट से पता चला है कि 5जी लॉन्च होने की नई तारीख 29 सितंबर होने का अनुमान है। उस दिन इंडिया मोबाइल क्रांग्रेस (IMC) 2022 का उद्घाटन भी होना है। उम्मीद जताई जा रही है कि उसके साथ ही देश को 5जी सर्विस की सौगात भी दे दी जाएगी। इससे पहले पीएम मोदी के द्वारा लाल किले से इसकी औपचारिक लॉन्चिग की बात सामने आ रही थी।
5G सर्विस में रिलायंस ने मारी है बाजी
7 दिनों तक चली 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में रिलायंस जियो सबसे अधिक स्पेक्ट्रम खरीदने के साथ सबसे आगे रही है। वहीं एयरटेल भी कई सर्किल में इसे कड़ी टक्कर देगी। यहां सबसे अधिक स्पेक्ट्रम खरीदने के साथ ही जियो ने 700 मेगाहर्ट्ज पर दांव खेला है। जानकारों के मुताबिक इस खास दांव के साथ 5जी शुरू होने से पहले ही जियो ने बाजी मार ली है।
22 सर्किल में लिया 700 मेगाहर्ट्ज प्रीमियम
रिलायंस जियो ने देश के सभी 22 टेलिकॉम सर्किलों में 700 मेगाहर्ट्ज प्रीमियम स्पेक्ट्रम हासिल किया है। इसमें दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु, पुणे और चेन्नई जैसे अत्यधिक आबादी वाले शहर भी शामिल हैं। यहां खासबात यह है कि रिलायंस जियो ग्राहकों को अधिक तेज और कुशल इनडोर 5जी कवरेज देगा।
क्यों जरूरी है 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम
टेलिकॉम के जानकारों के अनुसार 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम एक टावर के साथ 6-10 किमी सिग्नल रेंज प्रदान कर सकता है। ऐसे में घनी आबादी वाली शहरों में यह 5जी की पेशकश के लिए एक अच्छा आधार बनाता है। 700 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए रिलायंस जियो के नेतृत्व में 39,270 करोड़ रुपये की बोली लगाई गई थी। गार्टनर के प्रधान विश्लेषक पुलकित पांडे ने बताया कि दूरसंचार कंपनियों द्वारा 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में रुचि यह संकेत देती है कि कम्युनिकेशन सर्विस प्रोवाइडर बेहतर इनडोर कवरेज पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जहां 700 मेगाहर्ट्ज बैंड एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
सिर्फ एक तिहाई टावरों को करना होगा अपग्रेड
सबसे महंगे 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को खरीदकर भी रिलायंस ने समझदारी का काम किया है। इसके साथ ही जियो को मौजूदा 3.5 लाख टावरों में से केवल 1 लाख को अपग्रेड करना होगा, ताकि भारत में लक्ष्य 5जी अवसर के 80 प्रतिशत कार्य को पूरा किया जा सके। जबकि एयरटेल या वोडाआइडिया जैसी दूसरी कंपनियों को अधिक संख्या में टावरों को अपग्रेड करना होगा।