प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमो ऐप पर 15-31 जुलाई के पखवाड़े के लिए अपने द्वि-साप्ताहिक भारत न्यूजलेटर के हिस्से के रूप में भारतीय अर्थव्यवस्था पर बिग बैंग नंबर जारी किए। इसमें उन्होंने दर्शाया कि भारत का मार्केट कैप रिकॉर्ड 5.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। वहीं, फाइनेंशियल एडवाइजरी फर्म डेलॉइट ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की अर्थव्यवस्था की जीडीपी वृद्धि दर 7 से 7.2 प्रतिशत होने की उम्मीद है, जो कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार, मजबूत विनिर्माण, मजबूत बैंक बैलेंस शीट और बढ़े हुए निर्यात की वजह से संभव हो सकती है।
SME में 20.5 करोड़ से अधिक नौकरियां पैदा हुई
वहीं, भारतीय एमएसएमई ने 4 वर्षों में 20.5 करोड़ से अधिक नौकरियां पैदा की, जबकि देश में 39% एमएसएमई का स्वामित्व अब महिलाओं के पास है, इसमें यह भी दर्शाया गया है। इसके साथ ही इसमें बताया गया है कि देश में 1.4 लाख मान्यता प्राप्त स्टार्टअप 15.5 लाख नौकरियां पैदा कर रहे हैं। इसके साथ ही पिछले छह वित्तीय वर्षों में भारत में रोजगार 35 प्रतिशत बढ़कर 64.33 करोड़ हो गया है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भी पीछे नहीं
इसके साथ ही इसमें जारी आंकड़ों के अनुसार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (औपचारिक और अनौपचारिक संस्थाएं) में 2017-18 से 2022-23 तक 85 लाख रोजगार के अवसरों की वृद्धि देखी गई। वहीं, भारत का निर्यात 5.5 प्रतिशत बढ़कर 21.2 बिलियन डॉलर हो गया, जिसके परिणामस्वरूप 300 मिलियन डॉलर का ट्रेड सरप्लस हुआ है। इस वित्तीय वर्ष में निर्यात अब 800 अरब डॉलर से अधिक होने की तैयारी में है। जून में भारत में निर्मित इलेक्ट्रॉनिक सामानों का निर्यात 16.9 प्रतिशत बढ़कर 2.82 बिलियन डॉलर हो गया।
व्यापार घाटा में भी कमी आई
इसके साथ ही भारत का व्यापार घाटा जून में कम होकर 20.98 अरब डॉलर हो गया, जो मई में 23.78 अरब डॉलर था। भारत की बाहरी (एफडीआई) प्रतिबद्धताएं जून 2024 में बढ़कर 2.14 बिलियन डॉलर हो गईं, जबकि जून 2023 में यह 1.14 बिलियन डॉलर थी। वहीं, इंडिया इंक ने 2024 में विदेशी बॉन्ड से 32,619 करोड़ रुपये जुटाए। साथ ही एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 30,772 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसके साथ ही भारत का कार्ड भुगतान बाजार 2024 में 11.3 प्रतिशत बढ़कर 28.4 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच जाने का भरोसा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी लौटी
डेलॉइट के 'भारत आर्थिक आउटलुक' के अगस्त महीने के अपडेट में कहा गया है कि केंद्रीय बजट 2024-25 में कृषि उत्पादकता में सुधार, युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने और विनिर्माण क्षेत्र में कई पहलों से आपूर्ति पक्ष में सुधार, मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने और विशेष रूप से उपभोक्ता खर्च को बढ़ाने में मदद मिलेगी। खासकर यह ग्रामीण क्षेत्रों में होगा। रिपोर्ट के अनुसार, यह भरोसा कायम है, क्योंकि भारत ने वित्त वर्ष 2023-2024 में 8.2% की वृद्धि दर्ज की है, जो लगातार तीसरे वर्ष सभी अपेक्षाओं से अधिक है। मजबूत विकास के बीच, ग्रामीण और शहरी भारत दोनों में खर्च के नए पैटर्न उभरकर सामने आए हैं।
इनपुट: आईएएनएस