प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) अपनी विदेश यात्रा के तीसरे चरण में ऑस्ट्रेलिया पहुंच गए हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था की चुनौतियों और मंदी की आशंका के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह ऑस्ट्रेलिया (Australia) दौरा काफी अहम माना जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया की संसद ने हाल ही में भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते यानि एफटीए (FTA) को मंजूरी प्रदान की है। इस बड़े बदलाव के बाद प्रधानमंत्री का यह पहला ऑस्ट्रेलिया दौरा है।
अपने दौरे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया की प्रमुख कंपनियों के उद्योगपतियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने प्रौद्योगिकी, कौशल और स्वच्छ ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भारतीय उद्योग के साथ सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया। मोदी अपने तीन देशों के दौरे के अंतिम चरण के तहत सोमवार को सिडनी पहुंचे। इस दौरान वह अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज के साथ बातचीत करेंगे। इसके अलावा वह भारतीय प्रवासियों के एक सामुदायिक कार्यक्रम में भी भाग लेंगे।
इन दिग्गज कारोबारियों से होगी मुलाकात
भारतीय प्रधानमंत्री ऑस्ट्रेलियाई सरकार के अतिथि के रूप में यह दौरा कर रहे हैं। मोदी ने उद्योगपतियों की बैठक के दौरान हैनकॉक प्रॉस्पेक्टिंग की कार्यकारी चेयरमैन जीना राइनहार्ट, फोर्टेस्क्यू फ्यूचर इंडस्ट्री के कार्यकारी चेयरमैन एंड्रयू फॉरेस्ट और ऑस्ट्रेलियनसुपर के सीईओ पॉल श्रोडर के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राइनहार्ट के साथ अपनी बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने भारत में किए जा रहे सुधारों और पहलों पर प्रकाश डाला।
भारत में इन क्षेत्रों में निवेश की संभावनाएं
मोदी ने उन्हें खनन क्षेत्र में प्रौद्योगिकी, निवेश और कौशल में भागीदार बनाने के लिए आमंत्रित किया। श्रोडर के साथ बैठक में मोदी ने कहा कि भारत दुनिया में विदेशी निवेश के लिए सबसे पसंदीदा अर्थव्यवस्थाओं में एक है। उन्होंने ऑस्ट्रेलियनसुपर को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया। इसी तरह फॉरेस्ट के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में भारतीय कंपनियों के साथ काम करने की समूह की योजनाओं का स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने हरित हाइड्रोजन मिशन जैसी पहलों का उल्लेख किया। फॉरेस्ट ने भारत में फोर्टेस्क्यू फ्यूचर इंडस्ट्रीज की परियोजनाओं के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी।
इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में मिलेंगे मौके
बैठक के बाद श्रोडर ने कहा कि ऑस्ट्रेलियनसुपर भारत में और विशेष रूप से भारतीय राष्ट्रीय अवसंरचना कोष में निवेश करता है। उन्होंने कहा, ''भारत में निवेश करने का हमारा अनुभव बहुत अच्छा रहा है।'' फॉरेस्ट ने कहा कि उन्होंने और प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि जीवाश्म ईंधन क्षेत्र के पास अब सीमित समय है और इसकी जगह ऐसे ईंधन का इस्तेमाल करना चाहिए, जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता है। राइनहार्ट ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापार के बड़े अवसर हैं।