Highlights
- अभी तक 45.41 करोड़ लाभार्थियों ने बैंको में 167,145.80 करोड़ रुपये की धनराशि जमा की
- जन धन खाता योजना के तहत अब तक देशभर में 45 करोड़ से ज्यादा खाते खुल चुके हैं
- जनधन योजना को विश्व इतिहास का सबसे बड़ा बैंकिंग अभियान माना जाता है
PM Modi govt 8 years:1980 के दशक में भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था कि सरकार जब भी 1 रुपया खर्च करती है तो लोगों तक 15 पैसे ही पहुंच पाते हैं। यह किसी भी प्रधानमंत्री द्वारा भ्रष्टाचार पर की गई सबसे बड़ी स्वीकारोक्ति है। लेकिन करीब 4 दशक के बाद अब भारत की जनता अपने ही पैसों के लिए बिचौलियों पर निर्भर नहीं है। अब उनके पास अपना खाता है 'जनधन खाता'।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता संभालने के बाद देश में बैंकिंग के क्षेत्र में सबसे बड़े रिफॉर्म के तहत जनधन खाता योजना को शुरू किया। 28 अगस्त 2014 को शुरु हुई इस मेगा स्कीम को 8 साल हो गए हैं। इस दौरान अभी तक 45.41 करोड़ लाभार्थियों ने बैंको में अपने जनधन खाते में 167,145.80 करोड़ रुपये की धनराशि जमा की है।
क्या है प्रधानमंत्री जन-धन योजना
मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरूआत की थी। इस योजना के तहत देश के गरीबों का खाता बैलेंस पर बैंक, पोस्ट ऑफिस और राष्ट्रीयकृत बैंको में खोला जाता है। जिन खातों से आधार कार्ड लिंक होगा उन्हें 6 महीने बाद ओवरड्राफ्ट सुविधा, 2 लाख रुपये के दुर्घटना बीमा कवर, लाइफ कवर के साथ कई सुविधाएं दी जाती हैं।जन धन खाता योजना के तहत अब तक देशभर में 45 करोड़ से ज्यादा खाते खुल चुके हैं। सरकार आगे भी इस खाते के जरिए गरीबो की मदद कर सकती है।
हर भारतीय का अपना खाता
सुरक्षित तरीके से पैसों की बचत के उद्देश्य के लिये बैंक खातों से हरेक भारतीय नागरिक को जोड़ने के लिये इसकी शुरुआत की गयी थी। इस योजना के शुरुआत होने के पहले दिन ही लगभग 1 करोड़ बैंक खाते खोले गये। जनधन योजना को विश्व इतिहास का सबसे बड़ा बैंकिंग अभियान माना जाता है।
कोरोना के दौरान मिला डायरेक्ट बेनिफिट का लाभ
सरकार आज अपनी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत सीधे लाभार्थियों के खाते में पैसा जमा करती है। आज के समय में भारत सरकार के 53 मंत्रालयों की 313 योजनाओं के तहत लाभार्थियों के खातों में सीधे पैसा जमा करती है। जनधन खाते के बिना यह शायद संभव ही न होता। आज पीएम किसान योजना के तहत प्रति वर्ष 6000 रुपये भेजने हों, या फिर महिलाओं को पोषण आहार की राशि उपलब्ध करानी हो। सभी काम जनधन खातों की वजह से संभव हो रहे हैं। अब बिना किसी बिचौलिए के सरकार सीधे गरीबों के खाते में पैसा ट्रांसफर कर सकती है।
नोटबंदी के दौरान लगे आरोप
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2016 में नोटबंदी का ऐलान किया तो सभी की निगाहें जनधन खातों पर थी। आम लोगों के पास अपने खाते थे, जिसके चलते लोगों आपनी पुरानी करेंसी को आसानी से बैंकों में जमा कर पाए। इस दौरान जनधन खातों में जमा राशि में आश्चर्यजनक रूप से तेजी दर्ज की गई। इस बीच इन जनधन खातों पर भ्रष्टाचार का भी आरोप लगा।