Highlights
- एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी
- खिलौने, फर्नीचर और कंटेनर उद्योग को पीएलआई में शामिल करने पर भी चर्चा
- इस योजना का मकसद घरेलू विनिर्माण को बढ़ाना है
PLI (उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन) योजना का दायरा बढ़ाने की तैयारी में सरकार है। मिली जानकारी के अनुसार,
पीएलआई योजना के दायरे को कुछ इलेक्ट्रॉनिक घटकों, फार्मा और चिकित्सा उपकरणों जैसे क्षेत्रों तक बढ़ाने के प्रस्ताव पर सरकार में चर्चा चल रही है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। इसके अलावा खिलौने, फर्नीचर, साइकिल और कंटेनर उद्योग को पीएलआई योजना में शामिल करने पर भी चर्चा चल रही है। इस योजना का मकसद घरेलू विनिर्माण को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना, निर्यात को बढ़ावा देना और रोजगार के मौके बढ़ाना है।
पिछले साल शुरू की गई थी योजना
सरकार ने पिछले साल ऑटोमोबाइल और ऑटो कलपुर्जे, व्हाइट गुड्स, कपड़ा, उन्नत रसायन सेल (एसीसी) और विशेष इस्पात सहित 14 क्षेत्रों के लिए लगभग दो लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ इस योजना को शुरू किया था। अधिकारी ने कहा, ''योजना बनाई जा रही है। कुछ प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है।'' आयात में कटौती और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने की सरकार की मंशा के बीच कुछ इलेक्ट्रॉनिक घटकों, खिलौने, फर्नीचर, साइकिल और कंटेनर जैसे क्षेत्रों को पीएलआई में शामिल करने की मांग की गई है।
पीएलआई योजना के तहत 32 कंपनियों के आवेदन मंजूर
नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) की अगुवाई वाली एक अधिकार-प्राप्त समिति ने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र के लिए संचालित उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 32 लाभार्थियों को मंजूरी दी है। इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण कंपनियों के लिए संचालित पीएलआई योजना के तहत मोबाइल विनिर्माण के प्रोत्साहन प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है। इसके तहत 10 कंपनियों को मोबाइल विनिर्माण के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह पहला मौका है जब पीएलआई योजना के तहत किसी मोबाइल विनिर्माण इकाई को भी चयनित किया गया है। नीति आयोग ने कहा, "बड़े आकार की इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण इकाइयों के लिए संचालित पीएलआई योजना के तहत 32 लाभार्थियों को स्वीकृति दी गई है। इनमें से 10 कंपनियां मोबाइल विनिर्माण से संबंधित हैं।" मोबाइल विनिर्माण वाली कंपनियों में से पांच घरेलू और पांच विदेशी हैं। इस योजना के तहत डिक्सन टेक्नोलॉजीज की अनुषंगी पैजेट इलेक्ट्रॉनिक्स को 53.28 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन देने का फैसला भी किया गया है।