दुनिया भर के जॉब मार्केट में हाहाकार मचा हुआ है। गूगल फेसबुक जैसी आईटी कंपनियों से शुरू हुआ यह छंटनी का रोग अब टेक कंपनियों पर भी हावी हो रहा है। खबर है कि नीदरलैंड की मशहूर हेल्थ टेक्नोलॉजी कंपनी फिलिप्स (Philips layoffs) ने सोमवार को एक साथ 6000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। इससे पहले अक्टूबर में भी कंपनी ने 4000 कर्मचारियों की छंटनी की थी, इस प्रकार मात्र 6 महीने के भीतर यह डच कंपनी 10000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल चुकी है।
क्यों हो रही है छंटनी
कर्मचारियों को निकाले जाने के बाद फिलिप्स ने बयान में बताया कि उसकी यह कवायद खुद को लाभ की स्थिति में लाने के लिए की गई है। हाल ही में कंपनी को श्वसन उपकरणों को गड़बड़ी के बाद रिकॉल करना पड़ा था। जिसके चलते उसे बड़ा घाटा हुआ है, ऐसे में कंपनी की लाभप्रदता को बहाल करने के लिए वैश्विक स्तर पर कंपनी 6,000 कर्मचारियों को निकाल रही है। फर्म को 2022 की चौथी तिमाही के लिए 105 मिलियन यूरो (114 मिलियन डॉलर) का नुकसान हुआ, जबकि पिछले वर्ष के लिए कुल 1.605 बिलियन यूरो का नुकसान कंपनी को उठाना पड़ा। बता दें कि यह रिकॉल पिछले साल हुआ था, लेकिन अभी भी कंपनी पर इसका असर दिखाई दे रहा है।
आगे भी जारी रहेगी छंटनी
फिलिप्स ने बताया है कि सभी 6000 लोगों को एक साथ नौकरी से नहीं हटाया जाएगा। सबसे पहले 2023 में 3,000 नई नौकरियों में कमी की जाएगी। वहीं, 2025 तक विश्व स्तर पर लगभग 6,000 कर्मचारियों को अपने जॉब से हाथ धोना पड़ेगा।
बहती गंगा में हाथ धो रही हैं ये कंपनियां
कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के बारे में फिलिप्स सबसे नया नाम है। इससे पहले गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट (Alphabet) ने 12000 से ज्यादा कर्मचारियों को निकालने की घोषणा की है। इसके अलावा, Amazon ने 18000 कर्मचारियों को, Meta ने 11,000 कर्मचारियों को, Microsoft ने 10,000 कर्मचारियों को काम से निकालने का ऐलान किया है।