केंद्र सरकार ‘सागर परिक्रमा’ योजना का पांचवां चरण बुधवार से शुरू करने जा रही है। सरकार के मुताबिक इसका उद्देश्य मछुआरों और अन्य अंशधारकों की विभिन्न दिक्कतों को हल करते हुए महाराष्ट्र और गोवा के तटीय जिलों को इस योजना के दायरे में लाना और विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उनके आर्थिक उत्थान की सुविधा प्रदान करना है। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अनुसार, ‘सागर परिक्रमा’ कार्यक्रम के चरण-5 में महाराष्ट्र और गोवा में छह स्थानों को इसके दायरे में शामिल किया जाएगा।
यह यात्रा 17 मई को महाराष्ट्र के रायगढ़ से शुरू होगी और महाराष्ट्र में रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों और गोवा में वास्को, मोरमुगाओ और कैनाकोना को अपने दायरे में लायेगी। इस तीन दिन यात्रा के दौरान, प्रगतिशील मछुआरों, विशेष रूप से तटीय मछुआरों को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई), किसान क्रेडिट कार्ड और राज्य योजनाओं से संबंधित प्रमाण पत्र/स्वीकृति प्रदान की जाएगी।
महाराष्ट्र अपनी 720 किलोमीटर की व्यापक तटरेखा के साथ समुद्री मत्स्य पालन में अपार संभावनाएं रखता है, जो जगह राज्य के मछली उत्पादन में 82 प्रतिशत का योगदान देता है। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और विभिन्न सरकारी निकायों और संगठनों के अधिकारी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।
गुजरात, दमन और दीव, महाराष्ट्र और कर्नाटक में 19 स्थानों को इस कार्यक्रम के दायरे में लाते हुए चार चरणों को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद इस अभूतपूर्व पहल को सभी अंशधारकों से समर्थन मिल रहा है।