Highlights
- सरकार ने पेट्रोल के दाम कम होने के फॉर्मूला बताया है
- जब तक घरेलू उत्पादन नहीं बढ़ता तब तक तेल के दामों पर नियंत्रण नहीं
- देश मे 83 प्रतिशत तेल हम बाहर से लाते हैं। हम अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर हैं
पेट्रोल डीजल की महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ रखी है। बीते साल नवंबर में कीमतें भले ही 100 के नीचे आ गई थीं। लेकिन इस साल मार्च अप्रैल में कीमतें एक बार फिर 105 रुपये प्रति लीटर के पार चली गई हैं। इस बीच सरकार ने पेट्रोल के दाम कम होने के फॉर्मूला बताया है।
केंद्रीय पेट्रोलियम राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने बुधवार को कहा कि भारत पेट्रोल-डीजल के लिए बहुत हद तक अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर है और जब तक घरेलू उत्पादन नहीं बढ़ता तब तक तेल के दामों पर नियंत्रण नहीं किया जा सकता।
तेली ने अमेठी के जायस स्थित राजीव गांधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान में कौशल विकास केंद्र का उद्घाटन करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश मे 83 प्रतिशत तेल हम बाहर से लाते हैं। हम अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर हैं। जब तक अपना उत्पादन नहीं बढे़गा तब तक तेल के दामों पर नियंत्रण नहीं हो सकता।’’ उन्होंने कहा कि जब भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम बढ़ते हैं, पेट्रोलियम कंपनियां तेल के दाम बढ़ा देती हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भरता कैसे कम की जाए इस दिशा में सरकार काम कर रही है। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है इसके अलावा और नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं।
राज्यमंत्री ने बताया कि देश में नई-नई जगह तेल की खोज के प्रयास किए जा रहे हैं। मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश छोटे राज्य हैं मगर वहां भी तेल की खोज की जायेगी। इससे पूर्व पेट्रोलियम राज्यमंत्री ने कार्यक्रम में मेधावी छात्रों को मोबाइल फोन वितरित किया और विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले 75 लोगों को सम्मानित भी किया।