पेट्रोल-डीजल के दाम पर आम जनता को जल्द खुशखबरी मिलने की उम्मीद की जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्र सरकार आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सस्ते कच्चे तेल का फायदा आम लोगों तक पहुंचाने के लिए विचार विमर्श कर रही है। इस बात की जानकारी ईटी नाउ की एक रिपोर्ट में दी गई। बता दें, एक वर्ष से ज्यादा समय से देश में पेट्रोल-डीजल के भाव में कोई बदलाव नहीं देखा गया है।
तेल कंपनियों का घाटा हुआ कम
कच्चा तेल महंगा होने के बाद 2022 में तेल कंपनियों को पेट्रोल पर प्रति लीटर 17 रुपये और डीजल पर 35 रुपये प्रति लीटर तक का घाटा हो रहा था, लेकिन कच्चे तेल का दाम गिरने के बाद स्थिति बदल गई है और तेल कंपनियों को पेट्रोल पर 8 से 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3 से 4 रुपये प्रति लीटर तक का मुनाफा हो रहा है।
तेल कंपनियों को हुआ बंपर मुनाफा
पिछली तीन तिमाही से तेल कंपनियां बंपर मुनाफा दर्ज कर रही है। आप इसका अनुमान इसी बात से लगा सकते हैं कि आईओसी,एचपीसीएल और बीपीसीएल तीनों सरकारी कंपनियों ने मिलकर पिछले तिमाही में 28,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का मुनाफा दर्ज किया है। रिपोर्ट में आगे बताया गया कि सरकार का मानना है कि कच्चे तेल की बढ़ी हुई कीमत के दौरान हुए नुकसान की भरपाई हो गई है और अब सस्ते कच्चे तेल का फायदा आम जनता को दिया जाना चाहिए।
कच्चे तेल की कीमत में गिरावट
कच्चे तेल का दाम अपने 52 हफ्ते के निचले स्तर के आसपास चल रहा है। बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 76 डॉलर प्रति बैरल और डब्लूटीआई क्रूड 71 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है। इस हफ्ते कच्चे तेल में हुई गिरावट का प्रमुख कारण वैश्विक स्तर पर कम मांग के कारण हो रही है। वहीं, तेल उत्पादक देशों की ओर से कीमत बढ़ाने के लिए लगातार की जा रही कटौती का भी कोई असर कच्चे तेल की कीमतों पर देखने को नहीं मिल रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि कच्चा तेल का दाम आने वाले समय में भी कम रह सकता है।