लोगों को फिर गोल्ड ईटीएफ में निवेश रास आने लगा है। दरअसल, सोने के भाव में गिरावट आने को निवेशक अच्छे मौके के तौर पर देंख रहें हैं। इसके चलते निवेशक फिर गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने लगे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (गोल्ड ईटीएफ) से बीते तीन महीनों में हुई निकासी के बाद फरवरी में निवेशकों ने इसमें शुद्ध रूप से 165 करोड़ रुपये डाले हैं। इसकी मुख्य वजह कीमती धातु के दामों में आई मामूली गिरावट है। भारतीय म्यूचुअल फंड संघ (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार, निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ से जनवरी में 199 करोड़ रुपये की निकासी की थी। दिसंबर, 2022 में 273 करोड़ रुपये और नवंबर में 195 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी। उससे पहले गोल्ड ईटीएफ में अक्टूबर में 147 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था।
दामों में गिरावट से ईटीएफ की मांग बढ़ी
मॉर्निंगस्टार इंडिया की वरिष्ठ विश्लेषक कविता कृष्णन ने कहा, ‘फरवरी में ज्यादातर बाजारों में निकासी का रुख देखने को मिला लेकिन भारत में गोल्ड ईटीएफ में निवेश हुआ है। इसकी मुख्य वजह सोने के दामों में मामूली सुधार होना है। जब भी दामों में गिरावट आती है तो ईटीएफ की मांग बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि भारत में सोने की भौतिक मांग मोटे तौर पर त्योहारों और शादी-विवाह के मौसम पर निर्भर करती है। इसके अलावा समीक्षाधीन अवधि में इस श्रेणी में पोर्टफोलियो भी बढ़कर 46.94 लाख हो गए हैं। निवेश के बावजूद गोल्ड ईटीएफ के प्रबंधन के तहत शुद्ध परिसंपत्तियां (एयूएम) जनवरी अंत के 21,836 करोड़ रुपये से घटकर फरवरी अंत में 21,400 करोड़ रुपये रह गईं। वर्ष 2022 में गोल्ड ईटीएफ में कुल 459 करोड़ रुपये का निवेश आया जो 2021 के 4,814 करोड़ रुपये से 90 फीसदी कम है।
साल 2007 से चल रहा गोल्ड ईटीएफ
भारत में गोल्ड ईटीएफ 2007 से चल रहा है। इसे आप गोल्ड ईटीएफ को म्यूचुअल फंड स्कीम्स के जरिए खरीद सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ के जरिए सोना यूनिट्स में खरीदते हैं, जहां एक यूनिट एक ग्राम की होती है। गोल्ड ईटीएफ से खरीदे गए सोने की 99.5% शुद्धता की गारंटी होती है। गोल्ड ईटीएफ खरीदने में 0.5% या इससे कम का ब्रोकरेज लगता और पोर्टफोलियो मैनेज करने के लिए सालाना 1% चार्ज देना पड़ता है।