Highlights
- सर्वेक्षण में शामिल लोगों को सबसे अधिक स्वास्थ क्षेत्र को प्राथमिकता मिलने की उम्मीद
- सर्वेक्षण में 40 शहरों के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों की राय ली गई
- वित्त मंत्री से निजी मांग और खपत को बढ़ावा पर जोर देने की अपील
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बीच वित्त वर्ष 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को सबसे अधिक प्राथमिकता मिलने की संभावना है। उद्योग मंडल एसोचैम ने गुरुवार को अपने एक सर्वेक्षण में यह बात कही।
एसोचैम ने कहा कि उसके सर्वेक्षण में 47 प्रतिशत लोगों ने उम्मीद जताई कि बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर सबसे अधिक ध्यान देंगी। सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई), ऊर्जा और बुनियादी ढांचा और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों को भी बजट की प्राथमिकता सूची में रखा है। सर्वेक्षण 40 शहरों में विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले 400 लोगों की राय ली गई। एसोचैम ने कहा कि सरकार के सक्रिय उपायों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों के अथक प्रयासों ने अनिश्चित स्थिति से निपटने में मदद मिली है। साथ ही कोरोना महामारी ने सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में कुछ कमियों को भी उजागर किया है।
आयकर में छूट देने की भी मांग
इसके अलावा सर्वेक्षण में लगभग 40 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वित्त मंत्री को निजी मांग और खपत को बढ़ावा देने के लिए अन्य उपायों के साथ आयकर को कम करना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि रोजगार सृजन की गति को बढ़ाने के लिए सरकार क्या कर सकती हैं, तो ज्यादातर लोगों ने कहा कि सरकार को बुनियादी ढांचे और आवास क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।