भारत में चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए इस साल ग्रीष्मकालीन यात्रा में सालाना आधार पर 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस दौरान आतिथ्य और यात्रा सेवाओं की जोरदार मांग देखने को मिल रही है। उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि आम चुनावों का कॉरपोरेट बैठक, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनी (MICE) व्यवसाय पर मामूली प्रभाव पड़ा है। होटल के खुदरा व्यापार में वृद्धि हो रही है और पसंदीदा अवकाश स्थल के लिए समुद्र तट के गंतव्य, पर्वतीय गंतव्यों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
पहाड़ों की ओर जा रहे लोग
होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और रेडिसन होटल समूह के चेयरमैन (दक्षिण एशिया) के बी काचरू ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘देश के उत्तरी हिस्से में रहने वाले लोग गर्मी से बचने के लिए पहाड़ों की ओर जाते हैं। शहरों से नजदीकी पर्यटन या अवकाश स्थलों की ओर भी आवाजाही होती है। उद्योग सूत्रों का अनुमान है कि इस साल गर्मियों की यात्रा में सालाना आधार पर 30 से 40 प्रतिशत की वृद्धि होगी।’’ मेकमाईट्रिप के सह-संस्थापक और समूह सीईओ राजेश मागो ने कहा कि यात्रा की योजना के लिहाज से गर्मी हमेशा साल की बड़ी तिमाही होती है और इस साल भी इस क्षेत्र में उछाल जारी है।
हिमाचल, कश्मीर और गोवा जा रहे लोग
मेकमाईट्रिप के ग्रीष्मकालीन यात्रा रुझानों के अनुसार, 2023 की गर्मियों की तुलना में इस साल पारिवारिक यात्रा खंड में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि एकल यात्रा में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस गर्मी में सबसे अधिक बुक किए गए अवकाश गंतव्यों के मामले में हिमाचल प्रदेश, कश्मीर, गोवा, केरल और पूर्वोत्तर जैसे पर्वतीय स्थल अग्रणी हैं। रॉयल ऑर्किड होटल्स लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक चंदर के बालजी ने कहा कि चुनावों का कॉरपोरेट और एमआईसीई व्यवसाय पर मामूली प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन समूह स्तर पर खुदरा कारोबार में सालाना आधार पर 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
गोवा के बीच सबसे लोकप्रिय
उन्होंने कहा कि पर्वतीय स्थलों के होटल, रिजॉर्ट और अन्य अवकाश स्थलों में अधिक मांग देखी जा रही है। ओयो के एक प्रवक्ता ने कहा कि कुल अवकाश बुकिंग में समुद्र तटों की हिस्सेदारी 53 प्रतिशत है, जो गर्मी के महीनों के दौरान भी तटीय स्थलों के प्रति एक मजबूत झुकाव को दर्शाता है। दूसरी ओर पहाड़ी गंतव्यों की हिस्सेदारी 47 प्रतिशत है। गोवा सबसे लोकप्रिय समुद्र तट गंतव्य बना हुआ है। इसके बाद वर्कला, पुडुचेरी और अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह हैं।