भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 2,000 रुपये का नोट चलन से बाहर करने के बाद लोग अपने पास मौजूद इस मूल्य वर्ग के नोटों का इस्तेमाल मुख्य रूप से ईंधन, आभूषण और किराने का सामान खरीदने में कर रहे हैं। एक सर्वेक्षण से यह बात सामने आई है। गंतव्य आधारित सोशल नेटवर्क पब्लिक ऐप की तरफ से अखिल भारतीय स्तर पर किए गए सर्वे के अनुसार, 55 प्रतिशत लोग बैंक में 2,000 रुपये का नोट जमा करने की योजना बना रहे हैं, जबकि 23 प्रतिशत लोग इनको खर्च करने और 22 प्रतिशत इन्हें बैंक में बदलने को तैयार हैं। आरबीआई ने 19 मई को 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने की घोषणा की थी।
एक लाख से अधिक लोगों की राय ली गई
हालांकि लोगों को ये नोट अपने खातों में जमा करने या बैंक में बदलने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है। आरबीआई ने हाल ही में कहा था कि लगभग दो सप्ताह में ही चलन में मौजूद 2,000 रुपये के लगभग आधे नोट वापस आ चुके हैं। इस सर्वे में 22 राज्यों के एक लाख से अधिक लोगों की राय ली गई। सर्वेक्षण में कहा गया है कि 2,000 रुपये के नोट को लोग पेट्रोल और डीजल, सोने और आभूषण और रोजाना का किराना का सामान खरीदने के लिए खर्च कर रहे हैं।
दैनिक सीमा 20,000 रुपये से अधिक होनी चाहिए
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें अपने नोट बदलने में दिक्कत आ रही थी, सर्वेक्षण में शामिल 61 प्रतिशत प्रतिभागियों ने दावा किया कि उन्हें इस प्रक्रिया में कोई भी कठिनाई नहीं हुई। केरल में 75 प्रतिशत लोगों ने यह बात कही। वहीं आंध्र प्रदेश में 53 प्रतिशत और तमिलनाडु में 50 प्रतिशत लोगों ने कहा कि नोट बदलने में उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई। वहीं 42 प्रतिशत ने कहा कि उनसे स्थानीय लोगों ने यह नोट लेने से इनकार कर दिया। सर्वे में शामिल 51 प्रतिशत लोगों की राय थी कि उन्हें नोट बदलने के लिए अधिक समय मिलना चाहिए था। वहीं 44 प्रतिशत का कहना था कि नोट बदलने की दैनिक सीमा 20,000 रुपये से अधिक होनी चाहिए थी।