फिनटेक कंपनी पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस की ओर से अपने सभी यूनिट्स से 1,000 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। ये कंपनी की कुल वर्कफोर्स का करीब 10 प्रतिशत है। कंपनी ने ये फैसला अपनी लागत को कम करने के लिए और सभी बिजनेस को फिर से संगठित करने के लिए लिया है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई। इस निर्णय का सीधा कंपनी के छोटी टिकट साइज के लोन और बाय नाउ पे लेटर पर पड़ेगा। बता दें, हाल ही में आरबीआई द्वारा अनसिक्योर्ड लोन को लेकर नियमों को सख्त किया गया है।
इस सेगमेंट पर हुआ ज्यादा असर
रिपोर्ट में बताया गया कि सबसे बड़ा ले-ऑफ पेटीएम के लेडिंग बिजनेस में देखने को मिला है, जिसने पिछले कुछ समय में तेजी बढ़त देखने को मिली थी। पेटीएम पोस्टपेड नाम से कंपनी ने एक सर्विस भी शुरू की थी, जिसमें 50,000 रुपये का लोन कंपनी द्वारा दिया जाता था। कंपनी ने आरबीआई के निर्णय के बाद फिलहाल इसे बंद कर दिया है। इस कारण 7 दिसंबर को कंपनी का शेयर 20 प्रतिशत लुढ़क गया था। पेटीएम का फोकस अब वेल्थ मैनेजमेंट और इंश्योरेंस ब्रोकिंग पर है।
ले-ऑफ कर रहे स्टार्टअप
रिसर्च फर्म लॉन्गहाउस कंसल्टेंसी की ओर से जारी किए गए डेटा के मुताबिक, 2023 की पहली तीन तिमाही में न्यू ऐज कंपनियों की ओर से 28,000 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। वहीं, 2022 में ये संख्या 20,000 और 2021 में 4,080 की थी।
घाटे में पेटीएम
पेटीएम एक लॉस मेकिंग कंपनी है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 1856 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इस दौरान कंपनी का आय 6,028 करोड़ रुपये रही थी। वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी को 2325 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इस दौरान कंपनी की आय 3,892 करोड़ रुपये रही थी।