भारत का पाम ऑयल आयात इस साल मई में 74 प्रतिशत बढ़कर 7,63,300 टन पर पहुंच गया। एक साल पहले की समान अवधि में यह 4,39,173 टन था। आयात बढ़ने की वजह दुनिया के इस सबसे बड़े वनस्पति तेल खरीदार द्वारा बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करने के लिए इस जिंस (पामतेल) का स्टॉक करना था। उद्योग निकाय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने गुरुवार को यह जानकारी दी। इस साल मई में कुल वनस्पति तेल आयात बढ़कर 15.29 लाख टन हो गया, जो मई, 2023 में 10.58 लाख टन था। पाम तेल आयात का एक बड़ा हिस्सा है।
सूरजमुखी तेल का आयात भी बढ़ा
इस साल मई में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का आयात एक साल पहले की समान अवधि के 3,48,118 टन से बढ़कर 5,32,555 टन हो गया। हालांकि, कच्चे पाम कर्नेल तेल (सीपीकेओ) का आयात एक साल पहले के 5,850 टन से घटकर 4,999 टन रह गया। सूरजमुखी तेल का आयात 2,95,206 टन से बढ़कर 4,10,727 टन हो गया और सोयाबीन तेल का आयात 3,18,887 टन से बढ़कर 3,24,016 टन हो गया। एक नवंबर से शुरू हुए विपणन वर्ष 2023-24 के पहले सात महीनों के लिए पाम तेल का आयात एक साल पहले की समान अवधि के 53.48 लाख टन से घटकर 49.77 लाख टन रह गया, जबकि सोयाबीन तेल का आयात उक्त अवधि के 90.55 लाख टन के मुकाबले घटकर 85.67 लाख टन रह गया। एक जून तक भारत का खाद्य तेल स्टॉक 6,68,000 टन था।
खाद्य तेल की कीमतों में उछाल आया
एसईए ने कहा कि अर्जेंटीना, ब्राजील, रूस और यूक्रेन जैसे प्रमुख निर्यातक देशों से आपूर्ति व्यवधान के कारण पिछले महीने वैश्विक खाद्य तेल की कीमतों में उछाल आया। सोयाबीन और सूरजमुखी तेल की बढ़ती कीमतों ने घरेलू सरसों की कीमतों को सरकार के समर्थन स्तर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर पहुंचा दिया, जिससे किसानों को आगामी खरीफ मौसम में तिलहन क्षेत्र का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहन मिला।
इन देशों से आयात करता है भारत
इंडोनेशिया और मलेशिया भारत को रिफाइंड पामोलिन और सीपीओ के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं, जो मुख्य रूप से अर्जेंटीना और ब्राजील से सोया तेल और रूस, रोमानिया, यूक्रेन और अर्जेंटीना से सूरजमुखी तेल का आयात करता है।