Highlights
- आईएमएफ राहत कार्यक्रम को बहाल करने के लिए यह बढ़ोतरी की गई है
- अप्रैल से लेकर आब तक पेट्रोलियम उत्पादों में यह चौथी बढ़ोतरी है
- पाकिस्तान में पेट्रोल अब 248.74 रुपये प्रति लीटर हुआ
Pakistan की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की तरफ से रखी गई शर्तों के अनुरूप पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी कर दी है। आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान के पास दूसरा चारा नहीं है। यह फैसला लागू होने के बाद से सभी पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में करीब 14 से 19 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी हो गई है। सरकार ने यह कदम नकदी की कमी के बीच आईएमएफ की तरफ से छह अरब डॉलर का राहत पैकेज बहाल करने की उम्मीद में उठाया है।
पेट्रोल की कीमत में करीब 15 रुपये की वृद्धि
पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय की ओर से बृहस्पतिवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक, सरकार ने पेट्रोल पर दस रुपये प्रति लीटर और हाई-स्पीड डीजल (एचएसडी), केरोसिन और हल्के डीजल तेल (एलडीओ) पर पांच रुपये प्रति लीटर पेट्रोलियम शुल्क लगाया है। इसकी वजह से पेट्रोल की कीमत में 14.85 रुपये, एचएसडी में 13.23 रुपये, मिट्टी के तेल में 18.83 रुपये और एलडीओ में 18.68 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। पाकिस्तान में पेट्रोल की एक्स-डिपो अब 248.74 रुपये प्रति लीटर, एचएसडी 276.54 रुपये, केरोसिन 230.26 रुपये और एलडीओ 226.15 रुपये हो गया है।
अप्रैल से लेकर आब तक चार बार बढ़े दाम
अप्रैल में सत्ता संभालने वाली शहबाज शरीफ सरकार के कार्यकाल में पेट्रोलियम उत्पादों में की गई यह चौथी बढ़ोतरी है। वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने संवाददाताओं से कहा कि इमरान खान की अगुआई वाली पिछली सरकार के हस्ताक्षरित समझौतों से मुकर जाने के बाद चार महीने पहले निलंबित कर दिए गए आईएमएफ राहत कार्यक्रम को बहाल करने के लिए यह बढ़ोतरी की गई है।
आईएमएफ ने कर्ज देने से पहले रखा था शर्त
आईएमएफ ने राहत पैकेज को दोबारा शुरू करने के लिए बिजली की दरों में बढ़ोतरी और पेट्रोलियम उत्पादों पर शुल्क लगाने जैसी सख्त पूर्व-शर्त रखी है। इन शर्तों को लागू करने के बाद आईएमएफ अपने कार्यकारी मंडल को ऋण किश्त की मंजूरी और कार्यक्रम के पुनरुद्धार के लिए पाकिस्तान के अनुरोध को प्रस्तुत करेगा। इस प्रक्रिया में एक और महीने का समय लग सकता है। 22 जून को पाकिस्तान ने आईएमएफ के साथ रुके हुए छह अरब डॉलर के सहायता पैकेज को बहाल करने और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्रोतों से वित्तपोषण के लिए राह खोलने के लिए एक समझौता किया था।