Pakistan Suffered Power Outage: भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में बिजली की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। पाकिस्तान सरकार बिजली की संकट से बाहर निकलने के लिए कभी अमेरिका तो कभी चीन से मदद की गुहार लगा रही है। वहां बिजली उत्पादन में गिरावट आई है, जिसके चलते उसे इस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भारत में भी कुछ महीने पहले ऐसी खबरें सोशल मीडिया पर शेयर हो रही थी कि देश में बिजली संकट आने जा रहा है, जबकि उस खबर में कोई सच्चाई नहीं निकली, बल्कि उत्पादन बढ़ गया। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी के दौरान भारत में बिजली की खपत 10 प्रतिशत बढ़कर 1375.57 अरब यूनिट (बीयू) हो गई। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2021-22 में कुल बिजली आपूर्ति से अधिक है।
ये है आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कि अप्रैल-फरवरी 2021-22 में बिजली की खपत 1245.54 बीयू थी। इसी तरह पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में बिजली की खपत 1374.02 बीयू थी। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले महीनों में विशेष रूप से गर्मियों में अभूतपूर्व उच्च मांग के मद्देनजर बिजली की खपत दो अंकों में बढ़ने की उम्मीद है। बिजली मंत्रालय ने इस साल अप्रैल के दौरान देश में 229 गीगावाट की चरम बिजली मांग का अनुमान लगाया है, जो एक साल पहले इसी महीने में दर्ज 215.88 गीगावाट से अधिक है। मंत्रालय ने बिजली की अधिक मांग को पूरा करने के लिए कई कदम उठाए हैं और राज्य इकाइयों को बिजली कटौती या लोड शेडिंग से बचने के लिए कहा है। मंत्रालय ने सभी आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को 16 मार्च 2023 से 15 जून 2023 तक पूरी क्षमता से चलाने को भी कहा है।
बता दें कि पाकिस्तान में बिजली संकट के साथ आर्थिक तंगी की मार पावर सेक्टर पर भी पड़ी है। कई शहर घंटों अंधकार में डूबे रहते हैं। यही नहीं बिजली सेक्टर के अलावा पाकिस्तान में पेट्रोल, डीजल, तेल इंडस्ट्री सहित दूसरे सेक्टर्स पर भी आर्थिक तंगी की मार पड़ी है। खासकर बिजली की कमी से पाकिस्तान के उद्योग धंधे प्रभावित हुए हैं।