एक तरफ पाकिस्तान (Pakistan) महंगाई की चपेट में है। लोगों के पास खाने के लाले पड़े हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान की सरकार (Pakistan Government) पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 1 सितंबर से 20 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने जा रही है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार का मकसद 6 अरब डॉलर के IMF के रुके हुए पैकेज को हासिल करना है।
सरकार द्वारा IMF को भेजे गए लेटर ऑफ इंटेंट के अनुसार, पेट्रोल-डीजल पर सेल्स टैक्स लगाया गया है। हालांकि रिपोर्ट में अगले महीने IMF को किए वादे को सरकार द्वारा पूरा करने की जानकारी दी गई है। बता दें, पाकिस्तान सरकार की तरफ से पेट्रोल पर सेल्स टैक्स की छूट दी जाती है। ताकि जनता को कम कीमत में पेट्रोल मुहैया कराया जा सके। अब सरकार उसे खत्म करने जा रही है।
क्या कहता है रिपोर्ट?
रिपोर्ट में दिए गए जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने 17 अगस्त को इस बात की पुष्टि की थी कि सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है और IMF के द्वारा रखी गई शर्तों को पूरा करने पर सहमति जता दी है। इससे पाकिस्तान को ये फायदा होगा कि उसके लिए एग्जीक्यूटिव बोर्ड की बैठक के लिए रास्ता खुल जाएगा। बता दें, कुछ दिन पहले वित्त मंत्री ने कहा था कि 12 अगस्त को एक दस्तावेज भेजे गए थे। जिसमें उनके और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के गवर्नर मुर्तजा सईद के हस्ताक्षर किए गए थे।
क्या कहा था IMF ने?
Pakistan को पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से वित्तीय सहायता मिल गई थी। इसके साथ ही आईएमएफ ने पाकिस्तान का आर्थिक पैकेज बहाल करने के लिए बिजली दरें बढ़ाने और पेट्रोलियम उत्पादों पर कर लगाने जैसी सख्त शर्तें लगाई थी। तब कहा जा रहा था कि इससे जनता पर और बोझ बढ़ेगा। बेरोजगारी और महंगाई की बोझ से दबी जनता के लिए यह और अधिक कष्टकारक होगा। इससे पहले नकदी के संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने आईएमएफ के साथ एक समझौता किया था जिससे उसका रुका हुआ 6 अरब डॉलर का सहायता पैकेज बहाल हो जाए।
भष्ट्राचार रोकने के लिए कार्यबल गठन करने का निर्देश
मीडिया में आई खबरों में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि आईएमएफ ने पाकितान से कहा है कि वह एक भ्रष्टाचार निरोधी कार्यबल का गठन करे जो सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बनाए गए वर्तमान कानूनों की समीक्षा करे। डॉन अखबार की खबर में कहा गया कि इन शर्तों के पालन के बाद आईएमएफ कर्ज को मंजूरी देने और कार्यक्रम को बहाल करने के पाकिस्तान के अनुरोध को कार्यकारी निदेशक मंडल के समक्ष पेश करेगा। इस प्रक्रिया में एक और महीने का वक्त लग जाएगा।