Highlights
- पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 10 अरब डॉलर से कम रह गया है
- इससे केवल 45 दिन के आयात का भुगतान किया जा सकता है
- आईएमएफ ने बेलआउट पैकेज देने के लिए कई कड़ी शर्तें रखी हैं
आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान का बुरा दौर बीतने का नाम ही नहीं ले रहा है। वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल (Miftah Ismail) ने कहा है कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार (foreign reserves) 10 अरब डॉलर से कम रह गया है। पाकिस्तान के सरकारी खजाने में सिर्फ 45 दिनों तक जरूरी सामान आयात करने लायक डॉलर बचे हैं। कई तेल निर्यातक देश पाकिस्तान की खस्ता हालत को देखकर कच्चा तेल सप्लाई करने से हाथ खड़े कर चुके हैं।
खस्ताहाल स्थिति को देखते हुए अब शहबाज शरीफ सरकार ने कड़े कदम उठाने भी शुरू कर दिए हैं। सरकार ने अपने कर्मचारियों पर कार खरीदने से रोक लगा दी है। वहीं राजकोषीय घाटे को लगाम लगाने के लिए और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से बेलआउट पैकेज पाने के लिए पाकिस्तान सरकार अमीरों पर टैक्स बढ़ाने की घोषणा की है।
महंगे सामान के आयात पर बैन
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने 2022-23 का बजट पेश किया। बजट में जर्जर आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए अमीरों पर टैक्स बढ़ाने का फैसला हुआ है। इसके साथ ही सरकार ने महंगी कारों, गैजेट्स या अन्य विलासिता की वस्तुओं के आयात पर बैन लगा दिया है। इसके साथ ही सरकारी अधिकारियों को भी नई कार खरीदेंगे पर प्रतिबंध लगा दिया है।
सरकार के सामने राह मुश्किल
गर्त से बाहर निकलने के लिए पाकिस्तान सरकार को एक मात्र जरिया आईएमएफ ही दिखाई दे रहा है। लेकिन आईएमएफ ने बेलआउट पैकेज के लिए कड़ी शर्तें रखी हैं। इनमें सभी प्रकार के घाटे को दूर करना शामिल है। सीधे शब्दों में कहें तो सरकार को अपने खर्चों में कटौती करनी है।
टैक्स चोरी रोक कर होगी कमाई
पाकिस्तान में टैक्स की चोरी एक बड़ी समस्या है। वित्त मंत्री इस्माइल इस पर रोक लगाने की तैयारी हैं हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम इसमें कामयाब होते हैं तो 2022-23 में रेवेन्यू में सात लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी। इससे घाटे को पाटने में मदद मिलेगी। सरकार ने 2022-23 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी का 4.9 फीसदी रखा है जो मौजूदा वित्त वर्ष में 8.6 फीसदी है।
महंगा करना होगा पेट्रोल
पाकिस्तान की जनता पहले ही 200 रुपये से महंगा पेट्रोल खरीद रही है। वहीं इस पर नई मार पड़ने वाली है। आईएमएफ ने सरकार से पेट्रोल-डीजल पर सब्सिडी खत्म करने को कहा है। सरकार इसे लागू कर चुकी है। देश में पेट्रोल-डीजल की कीमत में हाल में 40 फीसदी तेजी आई है। इस्माइल ने कहा कि सरकार ने 2022-23 में पांच फीसदी इकनॉमिक ग्रोथ का लक्ष्य रखा है जो 30 जून को खत्म हो रहे मौजूदा वित्त वर्ष में 5.97 फीसदी था।